ऑपरेशन डिजीस्क्रैप: न्हावा शेवा पोर्ट पर 23 करोड़ के पुराने लैपटॉप, CPU जब्त; सूरत का मास्टरमाइंड गिरफ्तार


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पोर्ट में पकड़े गए पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान

नवी मुंबई के न्हावा शेवा पोर्ट से डीआरआई की मुंबई यूनिट ने बड़ी संख्या में पुराने लैपटॉप और सीपीयू पकड़े हैं। ये पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान अवैध तरीके से देश में लाए जा रहे थे। सरकारी नियम के अनुसार पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान का देश में आयात प्रतिबंधित है। ऐसा करने से देश में ई-वेस्ट बढ़ता है, जो पर्यावरण और यहां के नागरिकों के लिए खतरनाक है। न्हावा शेवा पोर्ट पर पकड़े गए पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमत 23 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

मुंबई डीआरआई ने ई-कचरे की तस्करी पर शिकंजा कसते हुए 23 करोड़ का सामान जब्त किया है और मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार किया है। पर्यावरण के लिए हानिकारक वस्तुओं (ई-कचरे) की तस्करी के खिलाफ इस कार्रवाई को “ऑपरेशन डिजीस्क्रैप” नाम दिया गया है।

एल्युमीनियम स्क्रैप के पीछे छिपाया सामान

इस अभियान में मुंबई राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने पुराने और इस्तेमाल किए हुए लैपटॉप, सीपीयू, मदरबोर्ड चिप्स और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की भारी खेप जब्त की है। डीआरआई ने इस अवैध आयात के पीछे सूरत स्थित मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। जांच से पता चला कि इन पुराने लैपटॉप, सीपीयू आदि को चार कंटेनरों में ‘एल्युमीनियम ट्रीट स्क्रैप’ की खेप में छिपाकर भारत में आयात किया गया था। न्हावा शेवा बंदरगाह पर इन चारों कंटेनरों में लैपटॉप, सीपीयू, प्रोसेसर चिप्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पाए गए, जिन्हें घोषित सामान यानी एल्युमीनियम स्क्रैप के पीछे छिपाया गया था।

कितने लैपटॉप/सीपीयू पकड़ाए?

इस अभियान में 17,760 पुराने लैपटॉप, 11,340 मिनी/बेयरबोन सीपीयू, 7,140 प्रोसेसर चिप्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद और जब्त किए गए। इनका कुल मूल्य 23 करोड़ रुपये है। इन्हें सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 110 के प्रावधानों के तहत जब्त किया गया है। सरकारी नीति के अनुसार, ऐसे प्रतिबंधित सामानों का या तो पुनः निर्यात किया जाना चाहिए या उन्हें उपयोग से परे विकृत करके कबाड़ के रूप में निपटाया जाना चाहिए।

क्या है सरकारी नियम?

विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023, ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी सामान (अनिवार्य पंजीकरण) आदेश, 2021 के तहत पुराने और प्रयुक्त/नवीनीकृत लैपटॉप, सीपीयू और अन्य ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात प्रतिबंधित है। ये आदेश बीआईएस सुरक्षा और लेबलिंग आवश्यकताओं के अनुपालन को अनिवार्य बनाते हैं, जिससे जन स्वास्थ्य और पारिस्थितिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

घरेलू उद्योग के लिए तस्करी बड़ा खतरा

इस ई-वेस्ट को मंगाने वाली फर्म के सूरत स्थित निदेशक और इस तस्करी के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपी तस्करी की योजना बनाने, खरीद करने और पैसे देने में सक्रिय रूप से शामिल था। खतरनाक ई-कचरे की डंपिंग सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और घरेलू विनिर्माण उद्योग के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। घरेलू उद्योग ऐसे पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामानों के अवैध आयात से गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं। डीआरआई की कार्रवाई देश को इन खतरों से बचाने में अहम रोल अदा करती है।

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