
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।
हमारी थल सेना और वायु सेना के प्रमुखों ने पाकिस्तान को सीधे, साफ शब्दों में चेतावनी दी। अगर आंतकवाद से तौबा नहीं की, अगर भारत की तरफ टेढ़ी आंख से देखा तो पाकिस्तान का नामो-निशान मिट जाएगा, दुनिया के नक्शे से पाकिस्तान गायब हो जाएगा।
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भारत-पाक सरहद पर तैनात जवानों से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के फर्स्ट पार्ट में तो सेना ने संयम बरता, लेकिन अगर ऑपरेशन सिंदूर पार्ट 2 हुआ तो पाकिस्तान भूगोल से गायब हो जाएगा।
वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी फौज के मिसाइलों और विमानों का सफल परीक्षण हो चुका है, पाकिस्तान को भारत की ताकत का अंदाजा हो गया है,अगर पाकिस्तान अब भी नहीं सुधरा, तो अंजाम क्या होगा, ये पाकिस्तान की फौज अच्छी तरह जानती है।
एयर चीफ मार्शल ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर-1 के दौरान भारत ने पाकिस्तान के F-16 और JF-17 जैसे 5-6 मॉडर्न फाइटर जेट्स को मार गिराया, पाकिस्तान के बड़े ट्रांसपोर्ट प्लेन C-130 और एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग ऐंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट समेत पाकिस्तान के एयर डिफेंस के रडार स्टेशन और सरफेस टू एयर मिसाइल की बैटरी को भी तबाह किया।
जब एयर चीफ मार्शल से पूछा गया कि पाकिस्तान तो दावा कर रहा है कि उसने भारतीय वायु सेना के फाइटर जेट गिराए, इसमें कितनी सच्चाई है, इस पर एपी सिंह ने मजेदार जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की फौज अपनी इज्जत बचाने के लिए जो दावे कर रही है, करने दीजिए। गालिब का मशहूर शेर है, दिल को खुश रखने को गालिब ये खयाल अच्छा है। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पाकिस्तान, भारत के विमान गिराने की जो मनोहर कहानियां सुना रहा है, सुनाने दीजिए, जब ऑपरेशन सिंदूर पार्ट 2 होगा, तो पाकिस्तान को पता लग जाएगा कि हमारे पास कितने फाइटर जेट हैं।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब पाकिस्तान और उसकी दहशगर्द तंज़ीमों ने अपनी रणनीति बदल ली है। अब जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन PoK से अपने ठिकाने हटाकर अफगानिस्तान सीमा पर खैबर पख़्तूनख़्वाह में ले जा रहे हैं, अब बड़ी इमारतों की बजाय छोटी-छोटी इमारत बना रहे हैं ताकि सैटेलाइट से पता लगाना मुश्किल हो।
ए पी सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की फौज और वहां छुपे आतंकवादी कहीं भी छुप जाएं लेकिन भारत की सेनाओं से बच नहीं पाएंगे।
Army Chief और Air Chief की बात सुनकर लगता है कि उनके पास खबर है कि पाकिस्तान फिर कुछ गड़बड़ करने वाला है। इसीलिए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान ने फिर कोई हिमाकत की, तो अब की बार पाकिस्तान का इतिहास और भूगोल बदल दिया जाएगा। एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया था। इसीलिए बात और भी पक्की लगती है।
Air Chief ने ये भी बता दिया कि भारतीय वायु सेना की ताकत क्या है, इरादा क्या है। Army Chief ने अपने जवानों से कहा कि वो तैयार रहें, उन्हें जल्दी मौका मिलेगा। इसका मतलब समझना मुश्किल नहीं है।
कहते हैं कि आजकल के युद्ध में पहली मिसाइल फायर होने से पहले शब्दों के तीर चलाए जाते हैं, जंग में जीत के साथ-साथ परसेप्शन की लड़ाई जीतना भी जरूरी होता है। सेना प्रमुख और एयर चीफ ने परसेप्शन का पहला ब्रह्मोस फायर कर दिया।
साइबर क्राइम: जागृति जरूरी है
सुपरस्टार अक्षय कुमार ने खुलासा किया कि उनकी बेटी भी ऑनलाइन गेम के चक्कर में साइबर अपराधियों का शिकार होते-होते बची। साइबर क्राइम के खिलाफ मुंबई पुलिस के जागरूकता अभियान का शुभारंभ करते हुए अक्षय कुमार ने अपने घर में हुई घटना का जिक्र किया।
उन्होंने बताया कि उनकी 13 साल की बेटी ऑनलाइन वीडियो गेम खेल रही थी। इसी दौरान गेम खेल रहे एक अनजान पार्टनर ने उनकी बेटी से उसकी न्यूड फोटो मांगी। अक्षय कुमार ने कहा कि उन्होंने बच्चों को इस तरह के अपराधियों के बारे में बताया था, इसीलिए जैसे ही बेटी से इस तरह की डिमांड की गई तो उसने सिस्टम बंद कर दिया और अपनी मां को सारी बात बताई, लेकिन कुछ बच्चे इस तरह के अपराधियों के चक्कर में फंस जाते हैं, घर में किसी के साथ कोई बात शेयर नहीं करते और फिर साइबर अपराधी बच्चों को ब्लैकमेल करते हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि साइबर अपराधियों का टारगेट ज्यादातर किशोर ही होते हैं, इसलिए बच्चों में जागरूकता पैदा करना जरूरी है। अक्षय कुमार की ये बात सही है कि ऑनलाइन गेम के चक्कर में ज्यादातर बच्चे ही अपराधियों के शिकार बनते हैं।
बीस दिन पहले मैंने ‘आज की बात’ में आपको दिखाया था कि लखनऊ में 14 साल के यश ने अपने पिता के बैंक खाते से चौदह लाख रूपए ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में गंवा दिए। इसके बाद डांट पड़ने के डर से 13 सितंबर को यश ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने झारखंड से यश के साथ ठगी करने वाले दो अपराधियों को गिरफ्तार किया। हैरानी की बात ये है कि पकड़ा गया एक अपराधी भी नाबालिग है। पुलिस ने उनसे पांच लाख रुपए बरामद किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 20 परसेंट ऑनलाइन गेमर भारत में हैं, करीब 59 करोड़ भारतीय ऑनलाइन गेमिंग करते हैं, इसलिए साइबर अपराधों का सबसे ज्यादा शिकार लोग भारत में ही होते हैं। ऑनलाइन गेम सिर्फ ठगी और ब्लैकमेलिंग का जरिया ही नहीं हैं। इसकी वजह से बच्चों में IGD यानी इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर बड़ी बीमारी बन गई है। करीब 9 परसेंट छात्र इससे पीड़ित हैं। इन छात्रों में नींद न आने, पढ़ाई में कमजोर होने और बात-बात पर गुस्सा होने के लक्षण दिखते हैं।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में लोग हर साल 20 हजार करोड़ रुपये गंवाते हैं। कई मामलों में आत्महत्या तक की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सिर्फ कर्नाटक में ऑनलाइन गेमिंग के कारण खुदकुशी के 32 मामले सामने आए।
ऑनलाइन गेमिंग एक महामारी बन चुका है। कई देशों में इसके खिलाफ सख्त कानून बनाए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया को पूरी तरह बैन कर दिया है। फ्रांस में अगर बच्चे की उम्र 15 साल से कम है तो सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की सहमति लेना जरूरी है, जबकि जर्मनी ने इसके लिए 16 साल से उम्र तय की है। ब्रिटेन में ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट के तहत बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त मानक तय किए गए हैं।
भारत में ऑनलाइन मनी गेम्स पर पाबंदी लगा दी गई है। एक अक्टूबर से ये कानून लागू हो गया है। लेकिन मनी गेम्स के अलावा दूसरे ऑनलाइन गेम्स आज भी चल रहे हैं जिनके जरिए अपराध होते हैं।
मेरा मानना है कि ऑनलाइन गेम्स के खिलाफ कानून बनना चाहिए, लेकिन कानून बनने से समस्या खत्म हो जाएगी, साइबर अपराध बंद हो जाएंगे, इसकी उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
इस तरह के अपराधों को रोकने का एक ही उपाय है, जागरूकता और बच्चों का मां-बाप पर भरोसा, कि वो अपनी हर बात माता पिता के साथ शेयर कर सकें।
अक्षय कुमार की बेटी समझदार है। वो जाल में नहीं फंसीं। उसने अपने मां-बाप को समय रहते बता दिया। लेकिन सारे बच्चे ऐसे नहीं होते।
ऑनलाइन गेमिंग के दो पहलू हैं, एक-ऑनलाइन गेमिंग के जरिए लोगों को लूटा जा रहा था जिसके कारण लखनऊ में किशोर ने आत्महत्या की। पहले भी ऐसे कई केस हो चुके हैं। हालांकि मनी गेम्स पर अब सरकार ने रोक लगा दी है। लेकिन गेमिंग के बहाने लड़कियों को जाल में फंसाने का सिलसिला जारी है। इससे बचने के लिए बच्चों के साथ-साथ मां-बाप को भी जागरुक बनाने की जरूरत है।
जितने बड़े पैमाने पर नाबालिग बच्चों के साथ साइबर ठगी और जालसाजी के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि स्कूल लेवल पर शिक्षकों और छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है। मीडिया की भी एक बड़ी जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों का पर्दाफाश करें, और बार-बार लोगों को जानकारी दें कि साइबर अपराधों से कैसे बचा जा सकता है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 3 अक्टूबर, 2025 का पूरा एपिसोड