भारतीय नागरिक ने यूक्रेनी सेना के सामने किया सरेंडर, पढ़ाई करने गया था रूस; जाने पूरा मामला


Indian Fighting For Russian Army Surrenders To Ukrainian Forces- India TV Hindi
Image Source : THE KYIV INDEPENDENT
Indian Fighting For Russian Army Surrenders To Ukrainian Forces

Russia Ukraine War: रूस की तरफ से लड़ रहे एक भारतीय नागरिक ने यूक्रेनी सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। यूक्रेन की सेना की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है। यूक्रेनी सेना की ‘63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड’ ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक भारतीय नागरिक का वीडियो जारी किया जिसने खुद को गुजरात निवासी मजोती साहिल मोहम्मद हुसैन बताया। इस मामले पर भारतीय अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कीव स्थित भारतीय दूतावास इस खबर की सत्यता की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में यूक्रेनी अधिकारियों से अभी तक कोई औपचारिक सूचना भी नहीं मिली है। 

पढ़ाई करने रूस गया था हुसैन

समाचार पत्र ‘कीव इंडिपेंडेंट’ ने यूक्रेनी सेना के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि 22 वर्षीय हुसैन रूस के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने आया था। सेना की ओर से जारी वीडियो में हुसैन ने कहा कि उसे मादक पदार्थों से संबंधित आरोपों में सात साल की सजा सुनाई गई थी और आगे की सजा से बचने के लिए उसे रूसी सेना के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का अवसर दिया गया था। हुसैन ने कहा, ‘‘मैं जेल में नहीं रहना चाहता था इसलिए मैंने विशेष सैन्य अभियान के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। लेकिन मैं वहां से बाहर निकलना चाहता था।’’ 

16 दिनों का दिया गया था प्रशिक्षण

हुसैन को 16 दिनों के प्रशिक्षण के बाद एक अक्टूबर को अपने पहले लड़ाकू मिशन पर भेजा गया, जो तीन दिनों तक चला। उसने कहा कि अपने कमांडर से लड़ाई के बाद उसने यूक्रेनी सैनिकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने वीडियो में कहा, ‘‘मैं लगभग दो-तीन किलोमीटर दूर एक यूक्रेनी खाई में पहुंचा। मैंने तुरंत अपनी राइफल नीचे रख दी और कहा कि मैं लड़ना नहीं चाहता। मुझे मदद चाहिए। मैं रूस वापस नहीं जाना चाहता।’’ 

साफ है भारत का रुख

विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि भारत ने रूस से रूसी सेना में सेवाएं दे रहे 27 भारतीय नागरिकों को मुक्त करने और स्वदेश वापस भेजने का पुरजोर आग्रह किया है। भारत बार-बार रूस से अनुरोध करता रहा है कि वह रूसी सैन्य इकाइयों में सहायक कर्मचारी (जैसे रसोइये और सहायक) के रूप में काम कर रहे सभी भारतीयों को मुक्त करे। (भाषा)

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