
NDA और महागठबंधन सीटों की गणित में उलझे हुए हैं जबकि प्रशांत किशोर ने 51 उम्मीदवारों के नाम का भी ऐलान कर दिया है।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एक तरफ सत्तारूढ़ NDA और महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है, वहीं जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर से अपनी चुनावी मुहिम शुरू कर सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। बता दें कि अभी तक दोनों ही गठबंधनों में से किसी ने भी सीट बंटवारे को लेकर फाइनल ऐलान नहीं किया है। बिहार चुनावों के तहत 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
एनडीए में सीट बंटवारे पर मंथन
बिहार NDA के बड़े नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी और मंगल पांडे जैसे नेता दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व और सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा कर रहे हैं। जायसवाल ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सोशल मीडिया पर सीट बंटवारे की अफवाहें फैल रही हैं, जो गलत हैं। हमारे सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस पर नाराजगी जताई है। हमारी बातचीत अंतिम दौर में है और रविवार तक औपचारिक ऐलान हो सकता है।’
NDA में सीट बंटवारे को लेकर फाइनल आंकड़े रविवार को आने की उम्मीद है।
खबरों के मुताबिक, जेडीयू और बीजेपी 243 सीटों में से 101-102 सीटों पर बराबर-बराबर चुनाव लड़ सकते हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को करीब 30 सीटें मिल सकती हैं, जबकि जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 7-8 सीटें देने की बात हो रही है। मांझी ने कम से कम 15 सीटों की मांग की थी, जिससे गठबंधन में कुछ तनाव दिख रहा है। जायसवाल ने यह भी बताया कि यह अभी तय नहीं है कि सीटों के बंटवारे का ऐलान पटना में होगा या दिल्ली में। इस बीच, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लंबी चर्चा के बाद दिल्ली रवाना हो गए।
महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे को लेकर जद्दोजहद जारी है।
I.N.D.I.A. गठबंधन में भी हलचल जारी
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में भी सीट बंटवारे की तैयारियां जोरों पर हैं। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आवास पर टिकट के दावेदारों की लंबी कतार देखी गई। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में RJD ने हाल के दिनों में JDU के कई बड़े नेताओं को अपने पाले में किया है। इनमें परबत्ता के विधायक संजीव सिंह, घोसी के पूर्व विधायक राहुल शर्मा और लौकहा के विधायक लक्ष्मेश्वर राय जैसे भूमिहार नेता शामिल हैं। राहुल के पिता जगदीश शर्मा घोसी सीट से 8 बार विधायक चुने गए थे। इसके अलावा, बांका के सांसद गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश रंजन भी आरजेडी में शामिल हो गए हैं।
प्रशांत किशोर ने राघोपुर से चुनावी बिगुल फूंक दिया है।
प्रशांत किशोर ने राघोपुर से फूंका बिगुल
इन सबके बीच, प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी के साथ सियासी मैदान में ताल ठोक दी है। उन्होंने राघोपुर से अपनी चुनावी मुहिम शुरू की, जो तेजस्वी यादव का गढ़ माना जाता है। किशोर ने अपनी पार्टी के 51 उम्मीदवारों की सूची पहले ही जारी कर दी है, जिसे लेकर उन्होंने गर्व से कहा, ‘केवल जन सुराज ने अब तक अपनी लिस्ट जारी की है।’ तेजस्वी के एक से ज्यादा सीटों पर लड़ने की अटकलों पर किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘तेजस्वी को वही हाल हो सकता है, जो 2019 में राहुल गांधी का हुआ था। राहुल वायनाड से जीते, लेकिन अमेठी हार गए।’
सियासी उठापटक और बदलते समीकरण
चुनाव से पहले बिहार की सियासत में उथल-पुथल मची है। JDU से कई नेताओं का पलायन हो रहा है। BJP विधायक मिश्री लाल यादव ने भी पार्टी छोड़ दी, क्योंकि उनकी अलीगंज सीट से लोक गायिका मैथिली ठाकुर को टिकट देने की चर्चा है। दूसरी तरफ, JDU ने अपने पूर्व सांसद अरुण कुमार को फिर से पार्टी में शामिल किया, जिन्होंने कुछ साल पहले नीतीश कुमार को धमकी दी थी। RJD सूत्रों का कहना है कि नीतीश भूमिहार समुदाय के समर्थन को लेकर चिंतित हैं, जो BJP के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। RJD ने इस समुदाय के कई नेताओं को अपनी तरफ खींचकर गठबंधन को चुनौती दी है। (PTI इनपुट्स के साथ)