
यंगस्टर्स में क्यों बढ़ती जा रही है घुटनों के दर्द की समस्या
आर्थराइटिस जिसे गठिया भी कहा जाता है एक ऐसी बीमारी है जिसमें घुटने, कोहनी और जॉइंट्स में काफी तेज दर्द होती है। बढ़ती उम्र के साथ ये समस्या बहुत आम है, लेकिन इन दिनों ऐसा देखने को मिला है कि कम उम्र के लोग भी आर्थराइटिस की समस्या से परेशान हैं। कई मामलों में 28-30 साल के युवाओं को भी आर्थराइटिस होते देखा गया है। ऐसे में यहां ये सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है जिसकी वजह से युवाओं में आर्थराइटिस की समस्या बढ़ती जा रही है। यहां डॉक्ट से जानने की कोशिश करेंगे कि आखिरी जवानी में ही युवाओं में आर्थराइटिस के मामले तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं।
आर्थराइटिस या गठिया के लक्षण
- जोड़ों में दर्द
- जोड़ों में अकड़न
- सूजन
- थकान और कमजोरी
युवाओं में क्यों बढ़ रहे आर्थराइटिस के मामले
सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टर अरुण कुमार का कहना है कि हम एक चिंताजनक प्रवृत्ति देख रहे हैं। आज 25 साल की उम्र में ही युवाओं को घुटनों और जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगी है। यह अब बुढ़ापे की नहीं, बल्कि लाइफ़स्टाइल की बीमारी बन चुकी है। उनका कहना है कि न्यू जेनरेशन चल-फिर कम रही है और इसका सीधा असर हमारे जोड़ों पर पड़ रहा है। अगर यही चलता रहा, तो आने वाले वर्षों में भारत एक ऐसी पीढ़ी देखेगा जो 40 की उम्र से पहले ही ऑस्टियोआर्थराइटिस से जूझ रही होगी।
युवाओं में जोड़ों की समस्या बढ़ने के प्रमुख कारण
खराब लाइफस्टाइल
आजकल के यंगस्टर्स काफी आलसी हो चुके हैं। वो घंटों कंप्यूटर, मोबाइल या ऑफिस में बैठकर काम करना पसंद करते हैं, लेकिन सेहत का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते। लगातार बैठे रहने से शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिससे घुटनों पर ज़्यादा दबाव पड़ता है।
वजन बढ़ना और असंतुलित भोजन
फास्ट फूड और जंक फूड से शरीर का वजन बढ़ता है, जो घुटनों के दर्द का कारण बनता है।
विटामिन D की कमी
कम धूप मिलने से शरीर में विटामिन D का स्तर घट जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं।
गलत पॉश्चर
लगातार झुककर बैठना, गलत तरीके से चलना या खड़ा रहना जोड़ों के दर्द का एक मुख्य कारण है।
कैल्शियम की कमी
पोषण की कमी से हड्डियां और कार्टिलेज जल्दी घिसने लगते हैं। जिससे इन दिनों कम उम्र में ही लोगों को बुढ़ापा आ रहा है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।