
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर चिप सप्लाई चेन
US-China के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से पूरी दुनिया की टेक इंडस्ट्री हिल सकती है। चीन के नए नियमों के मुताबिक, विदेशी कंपनियों को किसी भी ऐसी सामग्री के निर्यात के लिए अनुमति लेनी होगी, जिसमें चीन के रेयर अर्थ मिनिरल्स का इस्तेमाल किया गया है। इस नए नियम की वजह से कंप्यूटर चिप और मिलिट्री अप्लीकेशन्स और एआई में इस्तेमाल होने वाले रेयर अर्थ मिनिरल्स का सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।
चीन ने लगाया प्रतिबंध
चीन की तरफ से रेयर अर्थ मिनिरल्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने और अमेरिका द्वारा चीन के सॉफ्टवेयर पर अतिरिक्त टैरिफ और प्रतिबंध लगाने से दुनियाभर की कंपनियां सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन की दिक्कतों के लिए खुद को तैयार कर रही हैं। चीन द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध रेयर अर्थ मिनिरल्स की सप्लाई को सीमित कर देगा। यह चीन द्वारा उठाया गया एक टारगेटेड कदम है। चीन का मुख्य लक्ष्य इसके जरिए अमेरिका को टारगेट करना है।
टेक इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव
चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का असर न केवल सप्लाई चेन पर पड़ेगा, बल्कि इसकी वजह से सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री और एआई सेक्टर में दिखने वाली तेजी पर भी असर पड़ने वाला है। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे। यह प्रतिबंध सभी तरह के क्रिटिकल सॉफ्टवेयर के निर्यात पर रोक लगाने के लिए लगया गया है।
अब चीन द्वारा रेयर अर्थ मिनिरल्स पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध की वजह से दुनिया के सबसे एडवांस सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी ASML Holding NV के शिपमेंट में कई सप्ताह की देरी हो सकती है। वहीं, कई और चिप बनाने वाली कंपनियों के शिपमेंट भी लेट होगी। यह पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा झटका है। चीन के इस प्रतिबंध की वजह से चिप सप्लाई चेन पूरी तरह से ठप पड़ सकता है।
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