
भारत बनाम वेस्टइंडीज
भारत और वेस्टइंडीज के बीच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में सीरीज का दूसरा और अंतिम टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इस टेस्ट मैच में तीन दिन का खेल खत्म हो चुका है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक विंडीज की टीम अभी भी दूसरी पारी में भारत से 97 रन पीछे है। दिन का खेल खत्म होने के बाद भारत के अस्सिस्टेंट कोच रेयान टेन डोएशे ने एक ऐसा बयान दिया जिससे सुनकर आपको भी लगेगा कि टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को फॉलोऑन देकर गलती कर दी।
पिच को लेकर टीम इंडिया के अस्सिस्टेंट कोच ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी PTI के हवाले से डोएशे ने कहा कि हमें लगा था कि पिच धीरे-धीरे और खराब होती जाएगी और दिन के अंत तक बल्लेबाजों के लिए बैटिंग करना मुश्किल हो जाएगी और हम आसानी से जीत जाएंगे। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि यह और भी धीमी हो गई है। गेंदबाजों के लिए अब इस पिच से पेस हासिल करना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों को विकेट लेने के लिए पेस में बदलाव करने होंगे। उन्होंने कहा कि जब आप गेंद को तेजी से फेंकते हैं, तो वह कम स्पिन करती है और अगर आप धीरे डालते हैं तो बल्लेबाज के पास ज्यादा समय होता है। गेंदबाज के तौर पर उस वक्त आपकी स्थिति दोधारी तलवार जैसी है।
गेंदबाजों को विकेट लेने के लिए मेहनत करनी होगी
रेयान टेन डोएशे ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद स्वीकार किया कि पिच के धीमा होने से बल्लेबाजी काफी आसान हो गई है, जिससे भारतीय स्पिनरों को चौथे दिन काफी मेहनत करनी पड़ेगी। आपको बता दें कि इस मैच में भारत ने वेस्टइंडीज को फालोऑन खेलने पर मजबूर किया, लेकिन जॉन कैंपबेल और शाई होप ने भारतीय स्पिनरों का डटकर सामना करते हुए अर्धशतक लगाया और मैच में कुछ हद तक विंडीज टीम की वापसी करवाई।
डोएशे ने की वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों की तारीफ
डोएशे में आगे कहा कि आपने देखा होगा कि वॉशिंगटन सुंदर ने जब भी धीमी गेंद डाली तब गेंद ने ज्यादा टर्न लिया। उस वक्त हालांकि बल्लेबाज के पास खेलने का वक्त भी ज्यादा था। गेंदबाजों को गति में बदलाव के साथ बल्लेबाज को गलती करने के लिए मजबूर करना होगा। डोएशे ने इसके साथ ही वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज कैंपबेल की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि स्पिनर्स के खिलाफ आक्रामक शॉट का अच्छा इस्तेमाल किया। हमें बेहद धैर्य से काम लेना होगा। कैंपबेल ने बेहतरीन स्वीप शॉट्स खेले। यह हमारे लिए एक रणनीतिक चेतावनी है। कई बार हम अपने गेंदबाजों से बहुत अपेक्षा करते हैं, जबकि पिच से कोई मदद नहीं मिल रही होती।
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