इस पिच पर 20 विकेट लेना बड़ी बात है; वॉशिंगटन सुंदर ने 200 ओवर तक फील्डिंग करने को लेकर दिया बड़ा बयान


Washington Sundar- India TV Hindi
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वॉशिंगटन सुंदर

भारत और वेस्टइंडीज के बीच अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के गेंदबाजों को दूसरी पारी में विकेट लेने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। चौथे दिन भारतीय गेंदबाज विकेट लेने के लिए काफी ज्यादा संघर्ष करते हुए नजर आए। इस बीच चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने दिल्ली की पिच और भारतीय टीम के 200 ओवर फील्डिंग करने को लेकर बात की। सुंदर ने बताया कि उन्हें दिल्ली की इस पिच को देखकर थोड़ी भी हैरानी नहीं हुई।

कुलदीप यादव ने दिल्ली टेस्ट मैच में की शानदार गेंदबाजी

भारतीय गेंदबाजों को दूसरे और अंतिम टेस्ट में वेस्टइंडीज को दूसरी पारी में आउट करने के लिए 118.5 ओवर गेंदबाजी करनी पड़ी। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम की पिच बल्लेबाजी के लिए आसान थी। कुलदीप ने गेंदबाजों के लिए इस मुश्किल पिच पर दोनों पारियों को मिलाकर 55.5 ओवर में 186 रन देकर आठ विकेट चटकाए जबकि उनके साथी खिलाड़ी वॉशिंगटन और रविंद्र जडेजा की स्पिनरों की तिकड़ी ने इस मैच में कुल 13 विकेट अपने नाम किए। अनुभवी जडेजा ने कुल 52 ओवरों में चार विकेट लिए। वेस्टइंडीज की दूसरी पारी 390 रन पर सिमटी और उन्होंने भारत के सामने जीत के लिए 120 रन का टारगेट रखा। भारत को अब पांचवें दिन मैच जीतने के लिए 58 रन बनाने होंगे।

इस पिच पर 20 विकेट चटकाना एक बड़ी उपलब्धि है- सुंदर

न्यूज एजेंसी PTI के हवाले से चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद वॉशिंगटन सुंदर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुझे लगता है कि कुलदीप ने इस मैच में बहुत अच्छी गेंदबाजी की। कलाई के स्पिनर होने के नाते, उन्हें निश्चित रूप से पिच से अधिक मदद मिली। उन्होंने आगे कहा कि दूसरे गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की। तेज गेंदबाजों को विकेट लेने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इस पिच पर 20 विकेट चटकाना एक बड़ी उपलब्धि है।

दिल्ली की पिच को लेकर सुंदर ने क्या कहा?

सुंदर ने कहा कि कोटला की पिच के इस रवैये से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि यहां अक्सर ऐसा ही कुछ होता हुआ दिखा है। उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि यह दिल्ली की पारंपरिक विकेट जैसी ही है, जहां ज्यादा उछाल नहीं है और जाहिर है, इस मैच में भी स्पिनरों को ज्यादा टर्न नहीं मिली। अलग-अलग मैदानों पर परिस्थितियां काफी अलग होती है और यही टेस्ट फॉर्मेट की खूबसूरती है। वेस्टइंडीज को फॉलो ऑन दिए जाने के कारण भारतीय गेंदबाजों को लगभग 200 ओवर लगातार गेंदबाजी करनी पड़ी। वाशिंगटन ने कहा कि इंग्लैंड दौरे के बाद टीम इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड सीरीज में हमें इसका अनुभव मिल गया था। हमें पता था कि मैदान पर 180 से 200 ओवर तक फील्डिंग करते हुए कैसे डटे रहना है । हमने इंग्लैंड में नियमित तौर पर ऐसा किया था।

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