
आरोपी इंजीनियर (बाएं), चोरी के मोबाइल (दाएं)
गुजरात के सूरत की उधना पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शहर के कई इलाकों से मोबाइल चोरी करने वाली गैंग को पकड़ा है। जिसमें एक शख्स ऐसा है जो सूरत एयरपोर्ट पर एयरलाइंस कंपनी में प्लेन के टेक्निकल इंजीनियर के तौर पर काम करता है। पुलिस ने चोरी के 263 मोबाइल बरामद किए हैं। पकड़ा गया इंजीनियर धीरज रवीन्द्रनाथ झोंपे सूरत एयरपोर्ट पर एयरलाइंस कंपनी में काम करता है। अगर प्लेन में कोई टेक्निकल खराबी होती है तो उनकी रिपेयरिंग की जिम्मेवारी धीरज झोपे की होती है।
सूरत डीसीपी कानन देसाई ने बताया कि उधना थाना अंतर्गत क्षेत्र में मोबाइल चोरी का मामला बढ़ गया था। कई सारे लोग मोबाइल चोरी की फरियाद लेकर थाने में आ रहे थे। हमने मोबाइल सर्वेलेंस और खुफिया जानकारी जुटाना शुरू किया। खासकर भीड़भाड़ वाले इलाके नवरात्रि उत्सव या गणेश विसर्जन के टाइम पर मोबाइल चोरी की घटना बढ़ गई थी। हमे खुफिया जानकारी मिलने पर हमने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सूरत एयरपोर्ट पर काम करता था आरोपी
शातिर चोर जहां चोरी का मोबाइल बेचते थे, वहां उनको एक ऐसे शख्स से परिचय हुआ जो हाईटेक इंजीनियर था और एयरलाइंस कंपनी में सूरत एयरपोर्ट पर काम करता था। आरोपी रवि और संतोष के साथ उनका परिचय होने के बाद उसने चोरी का मोबाइल खरीदना शुरू किया।
हाईटेक मशीन से बदलता था EMI नंबर
सूरत डीसीपी कानन देसाई ने बताया कि तेज दिमाग इंजीनियर ने मोबाइल के पार्ट्स अलग करने के लिए हाईटेक मशीनरी भी खरीदी थी। वह हर कंपनी के मोबाइल का लॉक और ईएमआई नंबर बदल देता था और उनके पार्ट्स बाजार में बेच देता था। मोबाइल रिपेयरिंग वाले को जिस मोबाइल पार्ट्स की जरूरत होती है वह पार्ट्स ऊंचे दाम में बेचता था। उन्होंने मोबाइल रिपेयरिंग वाले व्यापारियों का एक वॉट्सएप ग्रुप भी बनाया था। व्यापारियों को जो पार्ट्स चाहिए वह पार्ट्स चोरी के मोबाइल से निकालकर बेट दिए जाते थे। पिछले एक साल से वह चोरी का मोबाइल खरीदकर उनके पार्ट्स बेचने का काम करता था। पुलिस को उनके घर से 263 मोबाइल बरामद हुए हैं।
चोर बाजार में हुई थी दोस्ती
पुलिस अब तीनों आरोपियों की पूछताछ कर रही है। पुलिस उनको कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी। पुलिस को उम्मीद है कि अभी और चोरी के मोबाइल बरामद हो सकते हैं। सेकंड हैंड मोबाइल जहां मिलते है, वहां रवि और संतोष चोरी का मोबाइल बेचते थे। जहां उनका संपर्क धीरज से हुआ था। धीरज ने इन दोनों चोरों से मोबाइल खरीदना शुरू किया। धीरज एप्पल से लेकर कोई भी कंपनी के मोबाइल का लॉक खोलकर उनका ईएमआई नंबर बदलकर उनके पार्ट्स बाजार में ऊंची कीमत पर बेच देता था।
(सूरत से शैलेष चांपानेरिया की रिपोर्ट)
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