फिल्म स्टार का बेटा, UPSC की खातिर एक्टिंग करियर को मारी ठोकर, बिना कोचिंग के बना IAS अफसर


Srutanjay Narayanan- India TV Hindi
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चिन्नी जयंत के बेटे श्रुतंजय नारायणन।

फिल्म इंडस्ट्री से ताल्लुक रखने वाला हर शख्स इसी इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने पर फोकस करता है। यही वजह है कि हर साल कई स्टारकिड्स को लॉन्च किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में ही खुशी कपूर, सुहाना खान, इब्राहिम अली खान और अहान पांडे सहित कई स्टारकिड्स ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की। हालांकि, इंडस्ट्री में कुछ ऐसे भी स्टारकिड हैं, जो अभिनय की दुनिया से अलग अपनी पहचान बना चुके हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही स्टारकिड के बारे में बताएंगे, जिसने एक्टर-डायरेक्टर बनने की नहीं बल्कि देश की सेवा करने की राह चुनी और आज आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर श्रुतंजय नारायणन की, जो तमिल कॉमेडियन चिन्नी जयंत के बेटे हैं।

तमिल सिनेमा के बड़े स्टार हैं चिन्नी जयंत

चिन्नी जयंत उर्फ कृष्णमूर्ति नारायणन तमिल सिनेमा का जाना-माना नाम हैं और अब तक कई बड़े सुपरस्टार्स के साथ काम कर चुके हैं। चिन्नी जयंत ने 1980 में अपने करियर की शुरुआत की थी और एक कॉमेडी एक्टर के तौर पर दर्शकों के दिलों में अपनी अलग जगह बनाई। अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए वह आज भी मशहूर हैं और लोग उनकी कॉमेडी को बेहद पसंद करते हैं। लेकिन, श्रुतंजय ने अभिनय की जगह देश सेवा को चुना।

श्रुतंजय ने प्राशासनिक सेवा को चुना

श्रुतंजय फिल्मी दुनिया के उन गिने-चुने स्टारकिड्स में से हैं, जिन्होंने अभिनय और सिनेमा को ना चुनकर किसी और फील्ड को चुना है। फिल्मी परिवेश में पले-बढ़े श्रुतंजय ने प्रशासनिक सेवा में करियर बनाने का फैसला किया और  अपने इस निश्चय को पूरा भी किया। उन्होंने गुइंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया और फिर अशोका यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की।

दूसरे ही अटेंप्ट में क्रैक की यूपीएससी

मास्टर्स के बाद श्रुतंजय ने कुछ समय स्टार्टअप में काम किया, लेकिन वह हमेशा से आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे। अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 75वीं रैंक हासिल की। श्रुतंजय फिलहाल तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में सब कलेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने विल्लुपुरम जिले में एडिशनल कलेक्टर पद पर तैनात रहते हुए कई विकास योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाया है।

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