NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने ‘स्पेशल कैंपेन 5.0’ के तहत स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और यात्री सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनूठी पहल ‘क्लीन टॉयलेट पिक्चर चैलेंज’ की शुरुआत की है। इस चैलेंज के माध्यम से नेशनल हाईवे यूजर्स टोल प्लाजा पर गंदे टॉयलेट की सूचना देकर ईनाम प्राप्त कर सकते हैं। ये कैंपेन टोल प्लाजा पर स्थित टॉयलेट को साफ-सुथरा बनाए रखने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, आपको ‘राजमार्ग यात्रा’ ऐप पर अपना नाम, स्थान, गाड़ी का नंबर और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी शेयर करते हुए गंदे टॉयलेट की जियो-टैग की गई तस्वीरें अपलोड करनी होंगी।
फ्री में हो जाएगा 1000 रुपये का फास्टैग रिचार्ज
ऐसे मामलों की सूचना देने वाले प्रत्येक वीआरएन (व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर) को 1,000 रुपये का फास्टैग रिचार्ज पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा। ये पैसे आपकी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर से जुड़े फास्टैग में रिचार्ज के रूप में डाले जाएंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ये स्कीम देशभर के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर 31 अक्टूबर, 2025 तक जारी रहेगी, जिससे यात्रियों को स्वच्छता सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
किन टॉयलेट पर लागू होगी स्कीम
मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ये अभियान सिर्फ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले, उसके द्वारा बनाए गए, ऑपरेट किए जाने वाले या मेनटेन किए जाने वाले टॉयलेट पर ही लागू होगा। रिटेल पेट्रोल पंप, ढाबों या एनएचएआई के कंट्रोल से बाहर अन्य सार्वजनिक सुविधा स्थलों पर स्थित टॉयलेट इस कैंपेन के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए हैं। इसके साथ ही, एक वीआरएन पूरी योजना अवधि के दौरान सिर्फ एक बार ही पुरस्कार प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
क्या हैं स्कीम की शर्तें
इसके अलावा, प्रत्येक टॉयलेट एक दिन में सिर्फ एक बार ही पुरस्कार के लिए पात्र होंगे, चाहे उस स्थान के लिए कितनी भी रिपोर्टें प्राप्त हुई हों। अगर किसी एक ही टॉयलेट के लिए एक ही दिन में एक से ज्यादा रिपोर्ट मिलती हैं तो ‘राजमार्ग यात्रा’ ऐप के माध्यम से प्राप्त पहली सूचना को ही पुरस्कार हेतु मान्य माना जाएगा। केवल स्पष्ट, जियो-टैग्ड और टाइम-स्टैम्प्ड तस्वीरों पर ही विचार किया जाएगा। किसी भी छेड़छाड़ की गई, डुप्लिकेट या पहले से रिपोर्ट की गई सूचनाओं को अस्वीकार कर दिया जाएगा। प्राप्त सूचनाओं का सत्यापन, जहां आवश्यक होगा, वहां एआई-सहायता प्राप्त स्क्रीनिंग और मैन्युअल सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।