
गिरिराज सिंह, बीजेपी नेता
पटना: ऐसा लगता है कि NDA में सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर उभरे असंतोष की आंच अब छोटे सहयोगी दलों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी तक भी पहुंच गई है। बताया जाता है कि केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता गिरिराज सिंह भी नाराज हैं। उन्होंने नाम लिए बिना चिराग के दावों पर सवाल उठाया है और पार्टी के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है।
इंडिया टीवी से बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा कि सीटों के बंटवारे में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। नेताओं को कार्यकर्ताओं की जुबान बनना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहां हम काफी कम अंतर से हारे थे, जहां हम 500 से 700 वोट से हारे वो सीट दूसरे को दे दिया जाए, ये गलत है कि नहीं?
इससे पहले गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में चिराग पासवान का नाम लिए बिना उनके स्ट्राइक रेट वाले दावे पर तंज कसा था। गिरिराज सिंह ने लिखा था कि ये होता है असली स्ट्राइक रेट। आज मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट का झुनझुना बजा रहे है। 2010 के बिहार चुनाव में एनडीए ने रचा था इतिहास। 243 में से जीतीं 206 सीटें! जदयू ने 141 में से 115 सीटें जीतीं ..स्ट्राइक रेट 81%… बीजेपी ने 102 में से 91 सीटें जीतीं ..स्ट्राइक रेट 89%..इतनी प्रचंड जीत बिहार की राजनीति में फिर कभी नहीं दोहराई गई। तब भी धर्मेंद्र प्रधान जी प्रभारी थे आज भी प्रभारी है।
दरअसल एनडीए में सीट बंटवारे के समय चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रदर्शन और स्ट्राइक रेट का उदाहरण देकर जबरदस्त दबाव बनाया और 29 सीटें हासिल कर ली। जबकि बीजेपी और जेडीयू को पिछली बार से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ रहा है। एनडीए के सीट बंटवारे में बीजेपी 101, जेडीयू 101, चिराग पासवान की एलजेपी 29 और मांझी की हम को 6 और कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकमोर्चा को 6 सीटें मिली हैं।