
नीतीश कुमार, सीएम
पटना: काफी जद्दोजहद के बाद एनडीए के दूसरे बड़े घटक दल जनता दल यूनाइटेड ने भी आज अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में कुल 57 उम्मीदवारों के नाम हैं। जेडीयू ने तीन बाहुबलियों को टिकट दिया है। जबकि लिस्ट में चार महिलाओं के नाम हैं। वहीं मुस्लिमों की बात करें तो इस लिस्ट में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार शामिल नहीं हैं।
जेडीयू की लिस्ट में तीन बाहुबली
- मोकामा-अनंत सिंह
- एकमा-धुमल सिंह
- कुचायकोट -अमरेन्द्र कुमार पांडेय
वहीं महिलाओं की बात करें तो जनता दल यूनाइडेट ने 57 प्रत्याशियों की लिस्ट में चार महिलाओं को जगह दी है।
- मधेपुरा- कविता साहा
- गायघाट – कोमल सिंह
- समस्तीपुर – अश्वमेध देवी
- विभूतिपुर – रवीना कुशवाहा
वहीं मुस्लिम उम्मीदवारों की बात करें तो 57 प्रत्याशियों ने फिलहाल एक भी मुस्लिम नाम नहीं है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगली सूची में कुछ मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम आ सकते हैं।
सरायरंजन सीट से विजय चौधरी को टिकट
सरायरंजन सीट से मौजूदा मंत्री विजय कुमार चौधरी के बेटे के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन पार्टी ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए एक बार फिर विजय चौधरी पर भरोसा जताया है। इसी तरह, 2020 के विधानसभा चुनाव में महज 12 वोटों से जीत दर्ज करने वाले कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया को भी पार्टी ने हिलसा सीट से दोबारा प्रत्याशी बनाया है। पहली लिस्ट में 18 मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका दिया गया है, जबकि दो विधायकों के टिकट काटे गए हैं। जद(यू) ने चिराग पासवान के दावे वाली पांच सीटों-सोनबरसा, अलौली, राजगीर, एकमा और मोरवा भी अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं।
मंत्री महेश्वर हजारी का टिकट कटने की अटकलों को पार्टी ने खारिज करते हुए उन्हें फिर से कल्याणपुर से प्रत्याशी बनाया है। उल्लेखनीय है कि हजारी के बेटे ने इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर समस्तीपुर (सुरक्षित) सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार शांभवी चौधरी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, मंत्री रत्नेश सादा को सोनबरसा से दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी ने मौजूदा मंत्रियों पर भरोसा कायम रखा है। जद(यू) के वरिष्ठ नेता और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मंगलवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया था। जद(यू) इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि 2020 में उसने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 43 सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार सीटों की संख्या से ज्यादा ध्यान उन सीटों पर केंद्रित किया है, जहां जीत की संभावना अधिक मानी जा रही है।