
बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर है। NDA ने उम्मीदवारों की लिस्ट और नामांकन के मामले में तेजी दिखाई है, जबकि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर उलझन बरकरार है। इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी ने नया गठबंधन बनाकर दोनों गठबंधनों की चुनौती बढ़ा दी है। वहीं, प्रशांत किशोर ने भी साफ कर दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उनकी पार्टी जनसुराज 243 सीटों पर मजबूती से लड़ेगी।
बीजेपी ने सभी 101 सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार
BJP ने उम्मीदवारों के चयन और नामांकन में बढ़त बनाए रखी है। आज पार्टी ने 12 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की, जिसके साथ अब तक 83 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हो चुका है। इस लिस्ट में सबसे कम उम्र की उम्मीदवार मैथिली ठाकुर का नाम चर्चा में है, जिन्हें मंगलवार को ही बीजेपी जॉइन करने के बाद अलीनगर सीट से टिकट दिया गया है। इसके अलावा छपरा से छोटी कुमारी, बक्सर से पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा और मुजफ्फरपुर से रंजन कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है।
बुधवार को रात होते-होते बीजेपी ने तीसरी लिस्ट भी जारी कर दी, जिसमें राघोपुर से तेजस्वी के खिलाफ सतीश यादव को मैदान में उतारा गया है। इस तरह बीजेपी ने अपने हिस्से की सभी 101 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं और इसके तमाम उम्मीदवारों ने नामांकन भी दाखिल कर लिया है। आज उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय सीट से पर्चा भरा। उनके नामांकन के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद थे। विजय सिन्हा लखीसराय से लगातार 4 बार जीत चुके हैं।
JDU की 57 उम्मीदवारों की लिस्ट में एक भी मुस्लिम नहीं
JDU ने भी 57 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में खास बात यह रही कि एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया। पिछले चुनाव में डुमराव सीट से जेडीयू ने अंजुम आरा को उतारा था, लेकिन इस बार वहां से राहुल सिंह को टिकट मिला है। JDU ने उन सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे, जिन पर चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी-आर) दावा कर रही थी। मसलन, सोनबरसा सीट से रत्नेश सदा को टिकट दिया गया, जो तीन बार यह सीट जीत चुके हैं।
राजगीर से कौशल किशोर, एकमा से धूमल सिंह, गायघाट से कोमल सिंह और वैशाली की राजापाकर सीट से महेंद्र राम को उम्मीदवार बनाया गया है। महेंद्र राम पिछले चुनाव में RJD उम्मीदवार से सिर्फ 1,500 वोटों से हारे थे। महेंद्र राम ने टिकट मिलने के बाद कहा, ‘मुझे डर था कि कहीं मेरी सीट चिराग पासवान के खाते में न चली जाए, लेकिन नीतीश कुमार पर भरोसा था। मेरे साथ इंसाफ हुआ।’
चिराग पासवान की पहली लिस्ट में 14 उम्मीदवारों के नाम
चिराग पासवान की LJP ने भी 14 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। उनकी पार्टी कुल 29 सीटों पर लड़ेगी। इन 14 सीटों में सिर्फ दो सीटें, गोविंदगंज और परबत्ता पिछले चुनाव में एनडीए ने जीती थीं। गोविंदगंज से बीजेपी ने इस बार एलजेपी के लिए सीट छोड़ी, जहां से चिराग ने अपने बिहार अध्यक्ष राजू तिवारी को उतारा है। परबत्ता सीट जेडीयू ने छोड़ी, क्योंकि वहां के पिछले विजेता डॉ. संजीव आरजेडी के संपर्क में थे। बाकी 12 सीटें ऐसी हैं, जहां पिछले चुनाव में एनडीए को हार मिली थी। चिराग के लिए मुश्किलें तब बढ़ीं, जब उनके नेता प्रमोद सिंह ने 10 अक्टूबर को एलजेपी छोड़कर जेडीयू जॉइन की। आज नीतीश कुमार ने उन्हें रफीगंज से टिकट दे दिया। प्रमोद सिंह ने कहा, ‘पार्टी बदली है, लेकिन मैं अब भी एनडीए में हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’
कुशवाहा की नाराजगी खत्म, मांझी ने लिया यू-टर्न
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी भी अमित शाह ने दूर कर दी। कुशवाहा को 6 सीटें मिली हैं, लेकिन वह महुआ और सासाराम सीटों पर अड़े थे। सूत्रों के मुताबिक, कुशवाहा महुआ से अपने बेटे दीपक प्रकाश और सासाराम से पत्नी स्नेहलता कुशवाहा को उतारना चाहते थे। बीजेपी ने साफ कर दिया कि महुआ सीट चिराग के खाते में गई है, लेकिन सासाराम पर बात हो सकती है। मंगलवार रात केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सम्राट चौधरी की बातचीत के बाद भी कुशवाहा नहीं माने।
इसके बाद अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाया और मुलाकात के बाद कुशवाहा ने कहा, ‘एनडीए में सब ठीक है।’ HAM के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने मंगलवार को दावा किया था कि वह बोधगया और मखदूमपुर सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे, जो चिराग के खाते में हैं। लेकिन आज उनके बेटे संतोष मांझी ने कहा, ‘हमारी पार्टी सिर्फ छह सीटों पर लड़ेगी, जो हमें मिली हैं। कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कुछ बोलना पड़ता है। एनडीए में कोई नाराजगी नहीं है।’
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर नहीं दूर हुई उलझन
एनडीए में जहां विवाद सुलझ गए, वहीं महागठबंधन में सीट बंटवारे का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। हालांकि आरजेडी, लेफ्ट और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल बांटना शुरू कर दिया है। बुधवार को कांग्रेस नेताओं की बैठक में 61 उम्मीदवारों के नाम तय होने का दावा किया गया, साथ ही 4 अतिरिक्त उम्मीदवार भी फाइनल किए गए। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा, ‘सब तय हो गया है। आज रात या कल सुबह तक तस्वीर साफ हो जाएगी।’
हालांकि, कांग्रेस हाईकमान के रवैये से कार्यकर्ता नाराज हैं। आज जब बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण वरुण, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान पटना एयरपोर्ट पहुंचे, तो कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। कुछ कार्यकर्ता सीटों के ऐलान में देरी से नाराज थे, तो कुछ का कहना था कि इस चुनाव में दल-बदलुओं को टिकट देने की तैयारी हो रही है। इस मौके पर कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी देखने को मिली।
तेजस्वी ने राघोपुर से भरा पर्चा, प्रशांत किशोर नहीं लड़ेंगे चुनाव
RJD नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को राघोपुर सीट से नामांकन दाखिल किया। इस दौरान लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत परिवार के कई सदस्य मौजूद थे। तेजस्वी ने कहा, ‘दो सीटों से लड़ने की अफवाह एनडीए के नेता फैला रहे थे। मैं सिर्फ राघोपुर से लड़ूंगा, जीतूंगा और बिहार में सरकार बनाऊंगा। हम हर परिवार को सरकारी नौकरी देंगे।’ इसके अलावा, लालू के करीबी भोला यादव को बहादुरपुर सीट से टिकट दिया गया।
वहीं, जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन पार्टी नेताओं ने कहा कि मुझे 243 सीटों पर प्रचार करना है। इसलिए एक सीट पर फोकस करने की बजाय पूरे बिहार पर ध्यान देना होगा।’ प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनकी पार्टी 150 से ज्यादा सीटें जीतेगी, वरना यह उनकी हार होगी।
AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी महागठबंधन को ज्यादा टेंशन दे सकते हैं।
ओवैसी का नया गठबंधन 64 सीटों पर लड़ेगा चुनाव
AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी के साथ मिलकर ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस’ बनाया है। यह गठबंधन 64 सीटों पर लड़ेगा, जिसमें AIMIM 35, आजाद समाज पार्टी 25 और अपनी जनता पार्टी 4 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। नेताओं का दावा है कि मुस्लिम और दलित वोटरों का समर्थन उन्हें मिलेगा। इससे महागठबंधन को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है, क्योंकि एनडीए ने अभी तक एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है, जबकि आरजेडी और कांग्रेस के पास कई मुस्लिम उम्मीदवार हैं। इस तरह बिहार की सियासी जंग अब और दिलचस्प हो गई है।