
जुबिन गर्ग
पिछले महीने सिंगापुर में लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को बुधवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके तुरंत बाद, बक्सा जिला जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया जब भीड़ ने आरोपियों को ले जा रहे काफिले पर पथराव किया। असम के सिंगर की बीते दिनों सिंगापुर में मौत हो गई थी। इसके बाद मामले की जांच में 2 देशों की पुलिस उलझी हुई है। अभी तक मामला साफ नहीं हो पाया है।
पांच आरोपियों को बक्सा जेल भेजा गया
न्यायिक हिरासत में भेजे गए लोगों में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (NEIF) के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत, जुबीन के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, उनके चचेरे भाई और असम पुलिस के निलंबित डीएसपी संदीपन गर्ग और जुबीन के दो निजी सुरक्षा अधिकारी, नंदेश्वर बोरा और प्रबीन (परेश) बैश्य शामिल हैं। कामरूप के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने आदेश दिया कि सुरक्षा कारणों से आरोपियों को कम कैदियों वाली जेल में स्थानांतरित किया जाए। तदनुसार, अधिकारियों ने उन्हें मुसलपुर स्थित नवनिर्मित बक्सा जिला जेल भेजने का फैसला किया, जहां वर्तमान में कोई कैदी नहीं है।
जेल के बाहर पथराव और विरोध प्रदर्शन
बुधवार दोपहर को जैसे ही आरोपियों को ले जा रहा काफिला बक्सा जेल पहुंचा, तनाव फैल गया। जुबिन गर्ग के लिए न्याय की मांग कर रहे सैकड़ों लोग बाहर जमा हो गए और उनमें से कुछ ने वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जेल परिसर में प्रवेश करते ही प्रदर्शनकारियों ने काफिले का पीछा किया। स्थिति को नियंत्रित करने और आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
1 अक्तूबर को हुई थी गिरफ्तारी
महंत और शर्मा को 1 अक्टूबर को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था और उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे, जिनमें गैर इरादतन हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और लापरवाही से मौत का कारण बनना शामिल है। बाद में हत्या के आरोप जोड़े गए। ज़ुबिन के चचेरे भाई, डीएसपी संदीपन गर्ग को 8 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, उसी दिन सेवा से निलंबित कर दिया गया था, और वह गायक के अंतिम क्षणों में उनके साथ नौका पर थे। दोनों निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) को 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। 19 सितंबर को सिंगापुर में गायक की मौत की जाँच के लिए असम सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने सभी पांचों से पूछताछ की थी।
दो और लोग अभी भी पुलिस हिरासत में हैं
दो अन्य – ज़ुबिन के सह-संगीतकार, शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत – 17 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में हैं। सीआईडी ने कथित संगठित वित्तीय अपराधों और बेनामी संपत्ति सौदों के लिए महंत के खिलाफ एक अलग जांच भी शुरू की है। जुबीन गर्ग की मौत से पूरे असम में व्यापक आक्रोश फैल गया है और प्रशंसक तथा नागरिक समाज पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
असल के बक्सा जिले में दूरसंचार सेवाओं को किया अस्थाई निलंबित
असम के बक्सा जिले में दूरसंचार सेवाओं का अस्थायी निलंबन किया गया है। जुबीन गर्ग मौत मामले में पांच आरोपियों – मुख्य कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महंत, जुबीन गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, उनके चचेरे भाई संदीपन गर्ग (निलंबित एपीएस अधिकारी) और दो पीएसओ नंदेश्वर बोरा को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद आज जेल लाए जाने के बाद असम के बक्सा जिले में बक्सा जिला जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और वाहनों में आग लगा दी गई और पथराव किया गया।
