
चीन ने कई सैन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
बीजिंग: चीन ने सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए कई बड़े सैन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। यहां तक कि देश के दूसरे सबसे बड़े सैन्य अधिकारी और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के उपाध्यक्ष जनरल ही वेईडॉन्ग को जांच के दायरे में लिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इसके साथ ही 9 अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर भी अनुशासन तोड़ने और काम से जुड़े गंभीर अपराधों के लिए सजा का ऐलान किया गया है।
अगस्त से नजर नहीं आए थे ही वेईडॉन्ग
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने बीजिंग में पत्रकारों को बताया कि जनरल ही वेईडॉन्ग को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) और सेना से निष्कासित कर दिया गया है। वह अगस्त से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए थे। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, जनरल ही मौजूदा पोलित ब्यूरो के पहले ऐसे सदस्य हैं, जिन पर इस तरह की जांच चल रही है। पोलित ब्यूरो CPC का शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय है, जिसमें 24 सदस्य शामिल हैं।
इन 9 बड़े अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
झांग ने बताया कि जनरल ही के अलावा 9 अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार और अनुशासन तोड़ने के गंभीर आरोपों के तहत कार्रवाई की गई है। इनमें मियाओ हुआ (CMC के पूर्व सदस्य, जो सेना के राजनीतिक, विचारधारा और कार्मिक मामलों को देखते थे), ही होंगजुन (मियाओ के डिप्टी), वांग शियुबिन (CMC जॉइंट ऑपरेशंस कमांड सेंटर के पूर्व कार्यकारी उपनिदेशक) और लिन शियांगयांग (ईस्टर्न थिएटर कमांड के पूर्व कमांडर) शामिल हैं।
‘अपराधों की प्रकृति अत्यंत गंभीर है’
झांग ने बताया कि इनके अलावा किन शुतोंग (सेना के पूर्व पॉलिटिकल कमिसार), युआन हुआझी (नौसेना के पूर्व पॉलिटिकल कमिसार), वांग होउबिन (रॉकेट फोर्स के पूर्व कमांडर) और वांग चुनिंग (पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के पूर्व कमांडर) पर भी कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, ‘जांच में पाया गया कि इन 9 व्यक्तियों ने पार्टी अनुशासन का गंभीर उल्लंघन किया और कई बड़े अपराध किए। इन मामलों में शामिल राशि बहुत बड़ी है, अपराधों की प्रकृति अत्यंत गंभीर है और इसका प्रभाव बेहद नकारात्मक है।’
शी की अगुवाई में भ्रष्टाचार पर सख्ती
सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की अगुवाई राष्ट्रपति शी जिनपिंग करते हैं, जो CPC के महासचिव और सेना के सर्वोच्च कमांडर भी हैं। चीनी सेना अन्य देशों की तरह सरकार के अधीन नहीं, बल्कि CPC के नियंत्रण में काम करती है। शी जिनपिंग, जो अपने अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल में हैं, पिछले 12 सालों में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर चुके हैं। इस दौरान 10 लाख से ज्यादा अधिकारियों और सेना के कई बड़े अफसरों को सजा दी गई है।
शी जिनपिंग का चीन की सेना और सत्ता पर पूरा नियंत्रण है।
पार्टी की अहम बैठक से पहले कार्रवाई
यह कार्रवाई CPC की महत्वपूर्ण बैठक, यानी प्लेनरी सेशन से ठीक पहले हुई है जो 20 से 23 अक्टूबर तक होगी। इस बैठक में देश भर के 370 वरिष्ठ पार्टी नेता हिस्सा लेंगे और अगले 5 साल की प्लानिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर, टिकटॉक पर नियंत्रण की कोशिशों और चीनी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे दबाव जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। आलोचकों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लगातार अभियान, खासकर सेना में, न केवल भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए है, बल्कि शी जिनपिंग की पार्टी और सेना पर पकड़ को और मजबूत करने का भी हिस्सा है। पिछले कुछ सालों में 3 रक्षा मंत्रियों पर भी कार्रवाई हो चुकी है।
शी के एक्शन से चीन की सेना में हलचल
2022 में CPC की 20वीं पार्टी कांग्रेस में 7 लोग CMC के लिए चुने गए थे, लेकिन अब केवल 4 ही बचे हैं, शी जिनपिंग, उपाध्यक्ष झांग युशिया, जॉइंट स्टाफ डिपार्टमेंट के प्रमुख लियू झेनली और सेना की अनुशासन जांच समिति के प्रमुख झांग शेंगमिन। इतने बड़े पैमाने पर CMC में बदलाव दशकों में नहीं देखा गया। यह कार्रवाई न केवल चीन की सेना और राजनीति में हलचल मचा रही है, बल्कि यह भी दिखा रही है कि शी जिनपिंग सत्ता पर किस तरह अपना पूरा नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।