
जेलेंस्की ने ट्रंप से व्हाइट हाउस में की मुलाकात।
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने और आपसी हितों पर बातचीत की। हालांकि, ट्रंप ने यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलें देने के मसले पर ठंडा रवैया दिखाया, जिसकी यूक्रेन को सख्त जरूरत है। जेलेंस्की अपने अहम सहयोगियों के साथ व्हाइट हाउस पहुंचे थे। मुलाकात की शुरुआत में उन्होंने ट्रंप को गाजा में हाल ही में हुए सीजफायर और बंधक सौदे की कामयाबी पर मुबारकबाद दी। जेलेंस्की ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के पास अब रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का सुनहरा मौका है। आपके पास अब रफ़्तार है।”
टॉमहॉक मिसाइलों पर ट्रंप का रुख
हाल के दिनों में ट्रंप ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें बेचने की बात पर कुछ हद तक नरमी दिखाई थी। ये मिसाइलें 1,600 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं और यूक्रेन को रूस के अहम ठिकानों, ऊर्जा सुविधाओं और बुनियादी ढांचे पर हमला करने की ताकत दे सकती हैं। जेलेंस्की का मानना है कि ऐसी ताकत से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बातचीत के लिए और गंभीर होंगे। लेकिन गुरुवार को पुतिन के साथ लंबी फोन बातचीत के बाद ट्रंप ने मिसाइलें देने की संभावना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा, “हमें टॉमहॉक मिसाइलें अमेरिका के लिए भी चाहिए। हमारे पास बहुत हैं, लेकिन हम अपने मुल्क को कमजोर नहीं कर सकते।” पुतिन ने भी ट्रंप को चेतावनी दी थी कि अगर यूक्रेन को ये मिसाइलें दी गईं तो इससे अमेरिका-रूस रिश्तों को “भारी नुकसान” होगा, लेकिन जंग का मैदान नहीं बदलेगा।
यूक्रेन की रणनीति
यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्री सिबिहा ने कहा कि टॉमहॉक मिसाइलों की बात ने ही पुतिन को बातचीत की मेज पर लाने में मदद की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “हमें और मजबूत कदम उठाने चाहिए। ताकत ही शांति की राह बना सकती है।” जेलेंस्की ने ट्रंप के साथ मुलाकात में न सिर्फ जंग पर बात की, बल्कि अमेरिका के साथ आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश भी की। उन्होंने अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों के प्रमुखों और ऊर्जा सचिव क्रिस राइट से गुरुवार को मुलाकात की थी। जेलेंस्की ने सुझाव दिया कि यूक्रेन अपनी गैस भंडारण सुविधाओं में अमेरिकी तरल प्राकृतिक गैस (LNG) को स्टोर कर सकता है। इससे अमेरिका को यूरोप के ऊर्जा बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का मौका मिलेगा। जेलेंस्की ने X पर लिखा, “रूस के हमलों के बाद यूक्रेन की ऊर्जा व्यवस्था को दोबारा ठीक करना जरूरी है। साथ ही, अमेरिकी कारोबारों की यूक्रेन में मौजूदगी बढ़ानी चाहिए।”
ट्रंप और पुतिन के बीच हुई थी बातचीत
ट्रंप ने गुरुवार को पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की थी। उन्होंने ऐलान किया कि वह जल्द ही हंगरी के बुडापेस्ट में पुतिन से मुलाकात करेंगे, ताकि जंग को खत्म करने के रास्ते तलाशे जा सकें। दोनों नेताओं ने यह भी तय किया कि उनके सीनियर सहयोगी, जिनमें अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल हैं, अगले हफ्ते एक गुप्त जगह पर मुलाकात करेंगे।
गाजा के बाद युक्रेन-रूस पर ट्रंप की नजर
गाजा में सीजफायर की कामयाबी के बाद ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन जंग को खत्म करना उनकी सबसे बड़ी विदेश नीति प्राथमिकता है। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि वह मानते हैं कि यूक्रेन रूस से खोया हुआ सारा इलाका वापस ले सकता है। यह उनके पहले के बयानों से अलग था, जिसमें वह यूक्रेन से समझौता करने की बात कहते थे। हालांकि, पुतिन के साथ बातचीत के बाद ट्रंप का लहजा कुछ नरम पड़ गया। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की और पुतिन के बीच सीधी बातचीत शायद मुमकिन न हो, क्योंकि “दोनों में ज़्यादा बनती नहीं।” उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों के बीच बातचीत को अलग-अलग लेकिन बराबर ढंग से करवाया जा सकता है।