
सिमाला प्रसाद।
मनोरंजन की दुनिया में आमतौर पर स्टारडम और ग्लैमर को ही सफलता का पैमाना माना जाता है, लेकिन कुछ चेहरे ऐसे भी हैं जो पर्दे के बाहर भी उतने ही चमकते हैं जितना स्क्रीन पर। ऐसी ही एक शख्सियत हैं सिमाला प्रसाद, जो एक तरफ देश की सेवा में जुटी एक ईमानदार भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं और दूसरी ओर एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री भी। सिमाला ने न सिर्फ पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास की, बल्कि अब वे फिल्मों में भी अपने अभिनय से पहचान बना रही हैं। आज आपको उनकी लाइफ के दोनों ही प्रोफेशनल फ्रंट के बारे में विस्तार से बताएंगे कि शिमाला प्रसाद किस तरह से एक प्रशासनिक अधिकारी होते हुए फिल्मों में एंट्री कीं।
असल जिंदगी की ‘हीरोइन’
जहां फिल्मों में अभिनेत्रियां पुलिस का किरदार निभाने के लिए ट्रेनिंग लेती हैं, वहीं सिमाला प्रसाद हकीकत में एक SP हैं, मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में वो तैनात है। वर्दी पहनकर अपराधियों से निपटने वाली सिमाला ने 2016 में फिल्म ‘अलिफ’ से बॉलीवुड डेब्यू किया। इस फिल्म में उनके अभिनय की खूब सराहना हुई। इसके बाद वे 2019 की फिल्म ‘नक्काश’ में नजर आईं, जिसमें उन्होंने कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी और राजेश शर्मा जैसे कलाकारों के साथ स्क्रीन साझा की। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस में एक अलग ही गंभीरता और सादगी है, जो उन्हें बाकी कलाकारों से बिल्कुल अलग बनाती है।
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अब दिखेंगी ‘सुपरकॉप’ के रोल में
अब सिमाला जल्द ही एक नई फिल्म में नजर आएंगी, जिसका नाम है ‘द नर्मदा स्टोरी’। यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित एक पुलिस ड्रामा थ्रिलर है, जिसमें वह एक सशक्त जांच अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं। इस फिल्म में उनके साथ रघुबीर यादव, मुकेश तिवारी और अंजलि पाटिल जैसे जाने-माने कलाकार भी नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन भी जैगम इमाम कर रहे हैं, जिन्होंने सिमाला की पहली दो फिल्मों ‘अलिफ’ और ‘नक्काश’ का निर्देशन किया था। खास बात ये है कि फिल्म की शूटिंग मध्य प्रदेश में ही हुई है और इसमें पुलिस बल के असली अनुभवों को सिनेमाई रूप दिया गया है।
प्रशासनिक सेवा से अभिनय तक का सफर
भोपाल में जन्मीं सिमाला एक प्रतिष्ठित और विद्वान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता डॉ. भागीरथ प्रसाद 1975 बैच के IAS अफसर और पूर्व सांसद रह चुके हैं। वे दो विश्वविद्यालयों के कुलपति भी रह चुके हैं। वहीं, उनकी मां मेहरुन्निसा परवेज एक प्रसिद्ध साहित्यकार हैं, जिन्हें पद्म श्री से नवाजा गया है। सिमाला ने पहले MPPSC पास कर डीएसपी पद से प्रशासनिक करियर की शुरुआत की, लेकिन उनकी मंजिल और आगे की थी, उन्होंने कोई कोचिंग लिए बिना ही पहले प्रयास में UPSC CSE 2010 में सफलता पाई और AIR 51 हासिल कर आईपीएस अधिकारी बनीं।
कला और प्रशासन का सुंदर मेल
सिर्फ वर्दी और कैमरे तक ही सीमित न रहकर सिमाला सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। सरकारी आयोजनों में वे नृत्य और अभिनय के माध्यम से भी अपनी रचनात्मकता दर्शाती हैं। उनका मानना है, ‘एक इंसान को खुद को सिर्फ एक ही पहचान तक सीमित नहीं रखना चाहिए। जीवन के हर जुनून को जीना चाहिए।’ सिमाला प्रसाद जैसी शख्सियतें हमें ये दिखाती हैं कि अगर हौसला हो, तो इंसान वर्दी पहनकर भी दिल जीत सकता है और कैमरे के सामने भी चमक सकता है।
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