
कफाला सिस्टम के खत्म होने से लाखों कामगारों को राहत मिलेगी।
लखनऊ: सऊदी अरब ने विदेशी कामगारों के लिए बंधुआ मजदूरी की तरह रहे कफाला सिस्टम को खत्म कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस फैसले से सऊदी अरब में काम करने वाले 1.3 करोड़ से ज्यादा विदेशी नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी, जिनमें करीब 27 लाख भारतीय भी शामिल हैं। अब विदेशी कामगार अपनी मर्जी से नौकरी बदल सकेंगे, तयशुदा वेतन और काम के घंटों के साथ काम करेंगे, और बिना अपने नियोक्ता या ‘कफील’ की इजाजत के स्वदेश लौट सकेंगे।
क्या होता है कफाला सिस्टम?
1950-60 के दशक में खाड़ी देशों में शुरू हुआ कफाला सिस्टम सस्ते विदेशी मजदूरों की जरूरत को पूरा करने के लिए बनाया गया था। इसके तहत विदेशी कामगार पूरी तरह अपने कफील (स्पॉन्सर या नियोक्ता) पर निर्भर थे। सऊदी अरब पहुंचते ही कामगारों का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाता था। नौकरी बदलने, वेतन बढ़ाने की मांग करने या देश छोड़ने के लिए कफील की इजाजत जरूरी थी। बिना इजाजत न तो कामगार सऊदी अरब छोड़ सकते थे और न ही अपने हक के लिए आवाज उठा सकते थे।
कामगारों का होता है शोषण
कफाला सिस्टम की वजह से विदेशी कामगारों का शोषण आम बात थी। कई बार नियोक्ता उनकी सैलरी रोक लेते, अमानवीय परिस्थितियों में काम करवाते, और शिकायत करने पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवा देते। भारत के लखनऊ, मुरादाबाद, सहारनपुर और मेवात जैसे इलाकों के सैकड़ों युवा नौकरी के लालच में सऊदी गए और वहां बंधुआ मजदूरी या जेल की सजा झेलने को मजबूर हुए।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान।
कफाला सिस्टम खत्म होने से क्या बदलेगा?
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने अपने विजन 2030 के तहत इस 50 साल पुराने सिस्टम को खत्म कर दिया है। अब विदेशी कामगार:
- अपनी मर्जी से नौकरी बदल सकेंगे।
- तयशुदा वेतन और काम के घंटों के साथ काम करेंगे।
- बिना कफील की इजाजत के सऊदी अरब छोड़कर अपने देश लौट सकेंगे।
- शोषण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे।
सऊदी की अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
इस बदलाव से न केवल विदेशी कामगारों को राहत मिलेगी, बल्कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। क्राउन प्रिंस सलमान सऊदी अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से हटाकर विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए विदेशी निवेश और कुशल पेशेवर कामगारों की जरूरत है। कफाला सिस्टम की वजह से कई पेशेवर सऊदी अरब में काम करने से हिचकते थे, लेकिन अब नई कॉन्ट्रैक्ट-बेस्ड व्यवस्था से सऊदी अरब को काम के लिए आकर्षक बनाना आसान होगा।
सऊदी अरब में काफी तेजी से बदलाव होता दिख रहा है।
भारतीय कामगारों को मिलेगी राहत
सऊदी अरब में काम करने वाले 27 लाख भारतीयों के लिए यह फैसला किसी वरदान से कम नहीं है। खासकर उत्तर प्रदेश और मेवात जैसे इलाकों के उन युवाओं को फायदा होगा, जो नौकरी के लालच में सऊदी गए और वहां शोषण का शिकार हुए। अब वे न केवल अपनी शर्तों पर काम कर सकेंगे, बल्कि शोषण होने पर कोर्ट का रुख भी कर सकेंगे।
क्राउन प्रिंस सलमान का विजन 2030
क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान का विजन 2030 सऊदी अरब को आधुनिक और विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने की योजना है। अभी तक सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल पर निर्भर थी, लेकिन अब दूसरे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेश और कुशल कामगारों को आकर्षित करना जरूरी है। कफाला सिस्टम को खत्म करना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। माना जा रहा है कि कफाला सिस्टम को खत्म करने का सऊदी अरब का फैसला विदेशी कामगारों के लिए आजादी और सम्मान का नया दौर लाएगा।