Chitragupta Aarti PDF In Hindi: चित्रगुप्त पूजा के दिन करें इस आरती का पाठ, सांसारिक सुख के साथ ही खुलेगा मुक्ति का मार्ग


Chitragupta Puja 2025- India TV Hindi
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चित्रगुप्त जी की आरती

Chitragupta Aarti: चित्रगुप्त पूजा कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन की जाती है। इस दिन चित्रगुप्त जी की आरती का पाठ भी आपको अवश्य करना चाहिए। चित्रगुप्त जी की पूजा करने से आपको सांसारिक सुख, यश और कीर्ति तो मिलती ही है साथ ही अंत समय में आपके लिए मोक्ष का द्वार भी खुला रहता है। इस दिन चित्रगुप्त की पूजा के दौरान आपको धूप-दीप जलाकर पूजन करना चाहिए और  पुष्प, भोग आदि चित्रगुप्त जी को अर्पित करना चाहिए।

चित्रगुप्त जी की आरती  

ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे।

भक्तजनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तन सुखदायी।
भक्तन के प्रतिपालक, त्रिभुवन यशछायी॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,पीताम्बर राजै।
मातु इरावती, दक्षिणा, वामअंग साजै॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक, प्रभु अंतर्यामी।
सृष्टि सम्हारन, जन दुःखहारन, प्रकटभये स्वामी॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

कलम, दवात, शंख, पत्रिका, कर में अति सोहै।
वैजयन्ती वनमाला, त्रिभुवन मनमोहै॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

विश्व न्याय का कार्य सम्भाला, ब्रह्मा हर्षाये।
तैंतीस कोटि देवी देवता, तुम्हारे चरणन में धाये॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

नृप सुदास अरू भीष्म पितामह, याद तुम्हें कीन्हा।
वेग विलम्ब न कीन्हौं, इच्छित फल दीन्हा॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

दारा, सुत, भगिनी, सब अपने स्वास्थ के कर्ता।
जाऊँ कहाँ शरण में किसकी, तुम तज मैं भर्ता॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

बन्धु, पिता तुम स्वामी, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

जो जन चित्रगुप्त जी की आरती, प्रेम सहित गावैं।
चौरासी से निश्चित छूटैं, इच्छित फल पावैं॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी, पाप पुण्य लिखते।
हम हैं शरण तिहारी, आस न दूजी करते॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे।
भक्तजनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥
॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥

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