
पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने अकील अख्तर की मौत के सिलसिले में पंजाब के पूर्व डीजीपी (मानवाधिकार) मोहम्मद मुस्तफा, उनकी पत्नी और पूर्व कांग्रेस मंत्री रजिया सुल्ताना, उनकी बेटी और बहू के खिलाफ दर्ज मामले जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। एक अधिकारी ने कहा, एक बार केंद्र सरकार आदेश जारी कर देगी तो सीबीआई औपचारिक रूप से जांच अपने हाथ में ले लेगी।
अभी मामले की जांच पंचकूला पुलिस कर रही है। 20 अक्टूबर को पंचकूला पुलिस ने 1985 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी मुस्तफा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) (हत्या) और 61 (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया था।
16 अक्टूबर को घर में बेहोश मिला था अकील
35 वर्षीय अकील अख्तर 16 अक्टूबर की रात को पंचकूला के सेक्टर 4, मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में अपने आवास पर बेहोश पाए गए थे और बाद में सिविल अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। शुरुआत में किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं जताई गई और पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया। हालांकि बाद में अकील के वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। अकील ने आरोप लगाया था कि पिता का अवैध संबंध उसकी पत्नी से है। उसने अपने पिता से जान का खतरा भी बताया था।
शमशुद्दीन ने दर्ज कराई थी शिकायत
पंजाब के मलेरकोटला के शमशुद्दीन ने अकील की मौत में साजिश का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पहले कहा था कि शिकायतकर्ता ने बताया कि अख्तर की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। शमशुद्दीन ने पंचकूला पुलिस को कहा कि वह इस परिवार को अच्छी तरह से जानता है। शिकायतकर्ता ने एक कथित वीडियो का हवाला दिया जो अगस्त में अख्तर ने रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने अपने पिता और अन्य परिवार के सदस्यों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
मामला दर्ज होने के बाद मुस्तफा ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता शम्सुद्दीन चौधरी को एक राजनेता द्वारा मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। मुस्तफा ने कहा कि अगर मैं दोषी हूं, तो मैं फांसी के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं जांच के हर चरण में सहयोग करूंगा। सच्चाई सामने आनी चाहिए।
इनपुट- एएनआई
