
Silver Gold Rates: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद चांदी की कीमतों में 21% की भारी गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को चांदी का भाव अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 31,000 रुपये की गिरावट के साथ 1.47 लाख रुपये प्रति किलो पर आ गया। चांदी के ग्लोबल ट्रेडिंग हब लंदन में डिलीवरी में सुधार और निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के कारण ये गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, हाजिर चांदी शुक्रवार को 48.5 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर कारोबार कर रही थी, जो एक हफ्ते पहले 54.47 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस थी।
चांदी की कीमतों में क्यों आई गिरावट
सर्राफा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिका और चीन से लंदन में चांदी के बड़े प्रवाह ने फिलहाल कीमतों को कम करने में मदद की है। लंदन सर्राफा बाजार वैश्विक स्तर पर चांदी के भौतिक लेनदेन का मुख्य समाशोधन केंद्र है, और शहर के कीमती धातुओं के भंडारों में उपलब्धता का कीमत पर सीधा असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लंदन में भौतिक भंडार की कमी के कारण भारत में हाजिर चांदी 14 अक्टूबर को 1.78 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के लाइफटाइम हाई पर पहुंच गई।
क्यों महंगी हो रही थी चांदी
चांदी की कीमतों में जारी इस गिरावट से पहले, इस साल सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, 5G कम्यूनिकेशन डिवाइस और AI हार्डवेयर जैसे सेक्टरों से जबरदस्त इंडस्ट्रियल डिमांड की वजह से इसकी कीमतों में जोरदार उछाल आया। इसी बीच, स्थिर खनन और सीमित पुनर्चक्रण ने डिलीवरी में बाधाएं पैदा की हैं।
नॉर्मलाइजेशन फेज में है चांदी
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड में कमोडिटी हेड और फंड मैनेजर, विक्रम धवन ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि जहां अल्पकालिक व्यापारी अपने निवेश को पुनर्समायोजित कर रहे हैं, वहीं रणनीतिक निवेशक- जिनमें केंद्रीय बैंक और दीर्घकालिक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) प्रतिभागी शामिल हैं, महीनों के गति-संचालित निवेश के बाद कीमतों में गिरावट को नॉर्मलाइजेशन के फेज के रूप में देख सकते हैं।
7.46% सस्ता हुआ सोना
पिछले हफ्ते सोने की कीमतों में भी गिरावट आई है, शुक्रवार को खुदरा बाजार में सोने की कीमत अपने रिकॉर्ड हाई 1,32,294 रुपये से 9875 रुपये प्रति 10 ग्राम या 7.46% गिरकर 1,22,419 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। एक्सपर्ट्स ने सोने की कीमतों में गिरावट का कारण अल्पकालिक बिकवाली और मजबूत अमेरिकी डॉलर को बताया है। भारतीय उपभोक्ताओं ने 18-19 अक्टूबर को धनतेरस के मौके पर चांदी और सोने के सिक्कों की खूब खरीदारी की। कई लोगों ने इन कीमती धातुओं में निवेश करने के लिए सोने और चांदी के ईटीएफ का विकल्प चुना, जिनमें इस साल की शुरुआत से ही लगातार तेजी देखी गई थी।
