
भारत 6जी विजन
6G को लेकर सरकार ने अपनी विजन क्लियर कर लिया है। भारत उन देशों में शामिल होगा, जहां सबसे पहले 6G सर्विस लॉन्च होगी। 5G को सबसे तेजी से रोल आउट करने के बाद अब 6G पर काम किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने ‘भारत 6जी विजन’ मिशन लॉन्च किया है। यह मिशन भारत में 6G को लेकर काम करने वाले सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ लाने और इसकी संभावनाओं को तलाशने के लिए लाया गया है।
5G के मुकाबले 1000 गुना तेज
जिन लोगों को 6G के बारे में ज्यादा नहीं पता है उन्हें बता दें कि इसमें मौजूदा 5G के मुकाबले 1000 गुना तेजी से डेटा ट्रांसफर किया जा सकेगा। 5G में 1Gbps की स्पीड से इंटरनेट एक्सेस किया जाता है तो 6G में आप 1000Gbps की सुपरफास्ट स्पीड से इंटरनेट एक्सेस कर पाएंगे यानी आपके पलक झपकते ही बड़े से बड़ा डेटा ट्रांसफर हो सकेगा।
सरकार ने भारत में अगली पीढ़ी की कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी यानी 6G को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठाएं हैं। केंद्र सरकार द्वारा रविवार को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 5G को तेजी के साथ रोल आउट और एडॉप्शन के बाद सरकार का पूरा फोकस भारत 6जी विजन पर है। यह इसलिए भी खास है कि इसमें पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस विजन का मुख्य लक्ष्य 2030 तक भारत में 6G तकनीक डेवलप की जा सके।
भारत 6जी विजन
भारत का 6G विजन अफोर्डेबिलिटी, स्थिरता और यूनिवर्सल एक्सेस के सिद्धांतों पर आधारित है। इस विजन के जरिए यह सुनिश्चित की जा सकेगी कि प्रत्येक नागरिक को हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिल सके। इसके अलावा भारत में स्वदेशी रिसर्च, इनोवेशन और ग्लोबल पार्टनरशिप का सहयोग मिल सके। केंद्र सरकार 2047 के विकसित भारत मिशन को लेकर चल रही है, जिसमें 5G और 6G का अहम योगदान रहेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, 6G के आने के बाद रिमोट सर्जरी, एडवांस रोबोटिक्स, स्मार्ट सिटी और इमर्सिव विजुअल एक्सपीरियंस बेहतर होगा। भारत के 6G रोडमैप की बात करें तो 2035 तक राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ाने की की है। सरकार का अनुमान है कि अगले कुछ सालों में भारत की GDP में 6G के जरिए 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
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