तेजस्वी के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध? 2 सीटों पर दौड़ाए गए महागठबंधन उम्मीदवार, ओवैसी-PK ने बढ़ाई टेंशन


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महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव।

कटिहार/सीतामढ़ी: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने मंगलवार को एक बड़ा वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो अल्पसंख्यकों के हकों की पूरी रक्षा की जाएगी और मुसलमानों को उनका वाजिब हक मिलेगा। लेकिन उसी दिन बिहार से दो तस्वीरें सामने आईं जो तेजस्वी की टेंशन बढ़ाने वाली हैं। दो विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन के उम्मीदवारों को मुस्लिम समाज के वोटरों ने दौड़ा लिया।

बलरामपुर में तारिक अनवर-महबूब आलम का भारी विरोध

पहली घटना कटिहार के बलरामपुर विधानसभा सीट की है। इस सीट पर CPI-ML के महबूब आलम चुनाव मैदान में हैं। पिछले चुनाव में भी महबूब आलम ही जीते थे। आज कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर महबूब आलम के साथ कैंपेन करने पहुंचे तो इलाके के लोगों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों ने महागठबंधन के नेताओं से कहा कि लोग उन्हें तीस साल से वोट दे रहे हैं, फिर भी इलाके में विकास का कोई काम नहीं हुआ। एक सड़क तक नहीं बनी, तो अब उन्हें वोट क्यों दें।

Bihar assembly election 2025, Bihar assembly election

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बिहार की करीब 70 सीटों पर मुसलमान निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

मतदाताओं के सवाल पर तारिक और महबूब लाजवाब

महबूब आलम और तारिक अनवर ने लोगों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि बीस साल से बिहार में NDA की सरकार है, तो वे क्या कर सकते हैं। इस पर लोगों ने कहा कि जब वे कुछ कर ही नहीं सकते तो उन्हें वोट देना भी बेकार है। जब महबूब आलम ने कहा कि उन्होंने गली-गली सड़कें बनवाई हैं तो मतदाताओं ने पूछा कि वे सड़कें कहां बनीं हैं, नाम बताइए। जनता ने जो सवाल किए, उनका जवाब तारिक अनवर और महबूब आलम के पास नहीं था। इसलिए उन्हें वहां से भागना पड़ा और दोनों नेता चुपचाप वहां से निकल गए।

बाजपट्टी में RJD विधायक मुकेश यादव को गालियां

इसी तरह का नजारा सीतामढ़ी जिले की बाजपट्टी विधानसभा सीट में दिखा। बाजपट्टी से RJD के सिटिंग MLA मुकेश कुमार यादव को लोगों की गालियां सुननी पड़ी। वोट मांगने पहुंचे मुकेश यादव गाड़ी में थे। वह लोगों से मिलने के लिए गाड़ी से नीचे उतरते इससे पहले ही लोकल मुसलमानों ने मुकेश यादव के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। गाड़ी में बैठे विधायक के सहयोगी नाराज जनता को मनाने आए, लेकिन उन्हें भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आखिरकार विधायक मुकेश कुमार यादव ने वहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझी।

NDA ने कसा तंज, पीके ने भी दिया बड़ा बयान

महागठबंधन के नेताओं को मुस्लिम समाज के लोग जिस तरह दौड़ा रहे हैं, उस पर NDA के नेताओं ने चुटकी ली। चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने हमेशा मुसलमानों को ठगा है। उन्होंने कहा कि अब मुस्लिम भाई ये बात समझ गए हैं, इसीलिए महागठबंधन के नेताओं को दौड़ाया जा रहा है। प्रशांत किशोर की नजर भी मुस्लिम वोटरों पर है। प्रशांत किशोर अपने कैंपेन में मुसलमानों को औलाद का वास्ता देकर समझा रहे हैं कि इस बार बीजेपी से डर कर महागठबंधन के चक्कर में न फंसे। वह कह रहे हैं कि वे अपने बच्चों के फ्यूचर को ध्यान में रखकर फैसला करें।

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AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी।

असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में डाला डेरा

असदुद्दीन ओवैसी ने भी अब बिहार में डेरा डाल दिया है। आज ओवैसी ने 3-3 रैलियों को एड्रेस किया। ओवैसी का फोकस उन्हीं इलाकों में है, जहां पिछले चुनाव में उनकी पार्टी के उम्मीदवार जीते थे। चूंकि AIMIM के 5 में 5 विधायकों ने RJD जॉइन कर ली थी, इसलिए ओवैसी के निशाने पर अब तेजस्वी यादव और RJD ही है। ओवैसी अपनी हर पब्लिक मीटिंग में मुसलमानों को बता रहे हैं कि महागठबंधन ने 2 पर्सेंट वोट वाले मुकेश सहनी को डिप्टी चीफ मिनिस्टर का चेहरा घोषित किया है, लेकिन 17 पर्सेंट आबादी वाले मुसलमानों की सुध तेजस्वी को नहीं आई। ओवैसी बार-बार यही कहते हैं कि RJD और कांग्रेस मुसलमानों का वोट लेकर उन्हें भूल जाती है, इसलिए अब मुसलमानों को अपना हक खुद लेना होगा।

बिहार में क्या है मुस्लिम वोटों का गणित?

बिहार में करीब 18% मुस्लिम वोटर हैं। मुस्लिम वोटर्स का असर करीब 70 सीटों पर निर्णायक होता है। सीमांचल के 4 जिले तो ऐसे हैं जहां मुस्लिम वोटर बहुमत में हैं, किशनगंज में 68%, कटिहार में 44%, अररिया में 43% और पूर्णिया में 38%। इन 4 जिलों में कुल मिलाकर 24 विधानसभा सीटें हैं। चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करने वाले बताते हैं कि करीब 76% मुसलमानों ने पिछले असेंबली चुनाव में RJD वाले गठबंधन को वोट दिया था, लेकिन AIMIM वाले ग्रैंड सेक्युलर फ्रंट को 11% वोट मिले थे। नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ लड़ते हैं तो उन्हें 5% से 6% मुस्लिम वोट मिलते हैं।

तेजस्वी यादव को सता रहा है कौन सा डर?

तेजस्वी के गठबंधन ने इन चुनावों में 30 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, जिनमें से 18 RJD से हैं और 10 कांग्रेस से। NDA में JDU ने 4 मुस्लिम कैंडिडेट्स को फील्ड किया है और चिराग पासवान ने एक को। इस मामले में प्रशांत किशोर सबसे आगे हैं। उन्होंने 32 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। तेजस्वी का डर सिर्फ यही है कि अगर पिछली बार की तरह ओवैसी की पार्टी को वोट मिले और प्रशांत किशोर को मुस्लिम वोट मिले तो फिर ग्रैंड एलायंस का डब्बा गोल हो जाएगा। इसीलिए अपने मेनिफेस्टो में उन्होंने मुसलमानों से बड़े बड़े वादे किए हैं।





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