
आत्मदाह से पहले मृतक
उज्जैन के शिवाजी पार्क कॉलोनी में रविवार सुबह फर्नीचर कारीगर ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। लोगों ने उसे आग की लपटों के बीच घिरा देखा तो अफरा तफरी मच गई। लोगों ने बाल्टियों से पानी डाल उसकी आग बुझाई और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने झुलसे व्यक्ति को शासकीय चरक चिकित्सालय में भर्ती कराया। डॉक्टर ने बताया कि वह 80 प्रतिशत से ज्यादा झुलस गया था, हालत गंभीर थी। तबियत बिगड़ने पर इंदौर रेफर किया गया, जहां उसकी सोमवार दोपहर मौत हो गई।
घटना रविवार दोपहर माधवनगर थाना क्षेत्र के शिवाजी पार्क कॉलोनी की है। यहां फर्नीचर बनाने वाले राजेंद्र शर्मा ने पारिवारिक विवाद में खुद को आग लगा ली थी। गंभीर रूप से झुलसने पर उसे तत्काल चरक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए इंदौर रेफर कर दिया गया था। इंदौर में इलाज के दौरान उसने सोमवार को दम तोड़ दिया।
क्यों की आत्महत्या?
मौत होने से पहले राजेंद्र ने पुलिस को बताया, “मेरी पत्नी ज्योति और बेटी माही को शिप्रा विहार निवासी मेरा बहनोई संतोष कुमार अपने साथ ले गया है। इसी के चलते मैंने यह कदम उठाया है।” राजेंद्र की पत्नी ज्योति शर्मा ने पुलिस को बताया, “वह मुझे भी जलाकर मारना चाहता था। लपटों में घिरा मेरी तरफ दौड़ा था। वह शराब पीता था। सट्टा भी खेलता था। इसके लिए हमसे पैसे मांगता था। नहीं देने पर मुझे और तीनों बेटियों से मारपीट करता था। पहले भी दो बार आत्महत्या की कोशिश कर चुका था।”
पुलिस का बयान
सीएसपी दीपिका शिन्दे ने बताया कि पारिवारिक विवाद के चलते धार जिले के बदनावर में रहने वाले राजेंद्र ने आत्मदाह किया है। पत्नी बच्चों का आरोप है कि वह उनके साथ मारपीट करता था और परेशान करता था। पत्नी 24 सितंबर 2025 को नागझिरी थाने में एफआईआर दर्ज करा चुकी है। छह दिन पहले भी आवेदन दिया था। राजेंद्र चाहता था कि उसकी पत्नी उसके साथ रहे इसलिए वह दबाव बनाता था, जब उसे पता चला कि वह किसी रिश्तेदार के पास है तो उसने आत्मदाह कर लिया। पुलिस सूचना मिलने पर उसे इलाज के लिए ले गई फिर इंदौर रेफर किया, लेकिन उसकी मौत हो गई।
(उज्जैन से प्रेम डोडिया की रिपोर्ट)
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