
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शनिवार को निवेशकों को डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड प्रोडक्ट्स में निवेश को लेकर आगाह किया है। सेबी ने कहा कि ऐसे प्रोडक्ट्स उसके नियामकीय ढांचे से बाहर हैं और इनमें निवेश से जुड़ा जोखिम ज्यादा है। निवेशकों के लिए ये चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब सेबी ने पाया कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फिजिकल गोल्ड में निवेश के आसान ऑप्शन के रूप में ‘डिजिटल गोल्ड’ या ‘ई-गोल्ड’ प्रोडक्ट्स का जमकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
सेबी ने अपने बयान में क्या कहा
सेबी ने एक बयान में कहा, ”इस बारे में सूचित किया जाता है कि ऐसे डिजिटल गोल्ड प्रोडक्ट सेबी-रेगुलेटेड गोल्ड प्रोडक्ट्स से अलग हैं, क्योंकि इन्हें न तो सिक्यॉरिटी के रूप में नोटिफाई किया गया है और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव के रूप में रेगुलेट किया गया है। ये पूरी तरह से सेबी के नियामकीय दायरे से बाहर हैं।” सेबी ने आगे स्पष्ट किया कि रेगुलेटेड सिक्यॉरिटी पर लागू इंवेस्टर प्रोटेक्शन सिस्टम ऐसी अनियमित डिजिटल गोल्ड योजनाओं पर लागू नहीं होगा।
सेबी के नियंत्रण में कौन-से विकल्प उपलब्ध
सेबी ने कहा कि निवेशक सेबी-रेगुलेटेड टूल्स, जैसे म्यूचुअल फंड द्वारा पेश किए गए गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF), एक्सचेंज-ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स और स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स के माध्यम से गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, इन सेबी-रेगुलेटेड गोल्ड प्रोडक्ट्स में पंजीकृत मध्यस्थों के माध्यम से निवेश किया जा सकता है और ये नियामक द्वारा निर्धारित नियामक ढांचे द्वारा शासित होता है।
सोने के भाव में लगातार तीसरे हफ्ते दर्ज की गई गिरावट
बताते चलें कि मजबूत अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व अधिकारियों की सतर्क टिप्पणियों से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप सोने की कीमतों में लगातार तीसरे हफ्ते भी गिरावट दर्ज की गई है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि डॉलर में लगातार मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ‘प्रतीक्षा और निगरानी’ की नीति के कारण सुरक्षित निवेश माने जाने वाले इस परिसंपत्ति वर्ग की मांग में कमजोरी आई है। MCX पर दिसंबर में डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव पिछले हफ्ते 165 रुपये यानी 0.14 प्रतिशत गिरकर शुक्रवार को 1,21,067 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
