
अभय डागा।
मनोरंजन की दुनिया में हर दिन नए चेहरे आते हैं। कुछ सितारों की तरह चमकते हैं, कुछ वक्त के साथ फीके पड़ जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपनी राह खुद बनाते हैं और हमेशा याद रखे जाते हैं। अभय डागा उन्हीं में से एक नाम हैं, एक ऐसा शख्स जिसने कैमरे की रोशनी छोड़कर देश की सेवा की राह पकड़ी। अभय डागा ने टीवी की दुनिया में अपनी पहचान बनाई, लेकिन उनकी मंजिल सिर्फ शोहरत नहीं थी। जहां ज्यादातर कलाकार ग्लैमर की चकाचौंध में खो जाते हैं, वहीं अभय ने उस जगमगाती दुनिया से बाहर निकलकर एक नई दिशा चुनी। उन्होंने न सिर्फ अभिनय से दर्शकों का दिल जीता, बल्कि देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में 185वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अधिकारी बन गए। यह कहानी एक ऐसे इंसान की है जिसने हर मोड़ पर खुद को फिर से गढ़ा और हर बार नई ऊंचाई हासिल की।
सिया के राम से मिली पहचान
अभय डागा का नाम टीवी दर्शकों के बीच लोकप्रिय शो सिया के राम से जाना जाता है। इस शो में उनका किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया था। लेकिन उनकी कहानी सिर्फ एक्टिंग तक सीमित नहीं रही आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातक करने के बाद उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के रूप में काम किया। यह वही दौर था जब उन्होंने तकनीकी करियर के साथ-साथ थिएटर और अभिनय में भी अपनी पहचान बनानी शुरू की। कॉलेज के दिनों में शुरू हुआ उनका थिएटर का शौक जल्द ही जुनून में बदल गया। उन्होंने यह साबित किया कि जुनून और पेशेवर सफलता एक-दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि साथ-साथ चल सकते हैं।
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टेक्नोलॉजी से राष्ट्रसेवा तक
साल 2018 में अभय ने माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया, जहां वे भारत में बढ़ते डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ काम करने वाली साइबर सिक्योरिटी टीम का हिस्सा बने। तकनीकी क्षेत्र में सफलता और स्थिर करियर के बावजूद, उनके भीतर एक नया सपना पलने लगा राष्ट्रसेवा का। साल 2021 में जब दुनिया कोविड के दौर से गुजर रही थी, अभय ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने नौकरी और एक्टिंग, दोनों से दूरी बनाकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। यह कदम सिर्फ करियर बदलने का नहीं था, बल्कि देश के लिए कुछ बड़ा करने के संकल्प का प्रतीक था।
दो साल की मेहनत, एक नई पहचान
अभय डागा ने अपने सपनों की पटकथा खुद लिखी और उसे साकार भी किया। मात्र दो साल की मेहनत और दृढ़ निश्चय के बाद उन्होंने 2023 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी और पूरे देश में 185वीं रैंक हासिल की। उनकी यह सफलता यह साबित करती है कि मंजिल तक पहुंचने के लिए रास्ते बदलने से डरना नहीं चाहिए। अभय ने अपने जीवन में तीन अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं, एक अभिनेता के रूप में, एक टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ के रूप में और अब एक सिविल सेवक के रूप में।
नई भूमिका, नई जिम्मेदारी
नवंबर 2024 में अभय ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में अपनी ट्रेनिंग शुरू की। साल 2025 में उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला, जबकि उनका होम स्टेट महाराष्ट्र है। आज अभय एक्टिंग से दूर हैं, लेकिन उनका यह सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को नया मोड़ देना चाहता है। उन्होंने साबित किया है कि असली सफलता वही है जो व्यक्ति से समाज तक और जुनून से जिम्मेदारी तक का सफर तय करे।
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