YouTube के नए मैसेज फीचर से बदलेगा वीडियो शेयरिंग एक्सपीरिएंस, कैसे होगा और कहां हुई शुरुआत समझें


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YouTube Message Sharing Feature: अब आपको अपने पसंद के वीडियो शेयर करने के लिए यूट्यूब पर ही ऑप्शन मिल जाएगा और WhatsApp या Instagram जैसी मैसेजिंग ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूट्यूब प्राइवेट इन-ऐप मैसेजिंग फीचर की टेस्टिंग कर रही है जिससे कि यूजर्स को किसी वीडियो को शेयर करने के लिए किसी अन्य मैसेजिंग ऐप पर ना जाना पड़े और वो यूट्यूब के जरिए ही वीडियो शेयर कर सकेंगे। फिलहाल इसकी टेस्टिंग चल रही है और ध्यान देने वाली बात ये है कि ये 6 साल पुराना फीचर है जिसे यूट्यूब ने हटा दिया था पर अब एक बार फिर से इसे 18 साल तक और इससे ऊपर की उम्र के यूजर्स के लिए लागू करने के प्लान पर काम किया जा रहा है। 

फिलहाल इसकी टेस्टिंग पोलैंड और आयरलैंड में चल रही है और यूजर्स इसके तहत लंबे वीडियोज, यूट्यूब शॉर्ट्स और लाइवस्ट्रीम को सीधा यूट्यूब मोबाइल ऐप पर भेज सकते हैं और रियल टाइम में आपस में चर्चा कर सकते हैं। ये वीडियो शेयरिंग को और आसान बना रहा है क्योंकि इसके बाद यूजर्स को वीडियो शेयरिंग के लिए किसी बाहर की ऐप जैसे WhatsApp या Instagram की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

कैसे काम करेगा ये मैसेजिंग फीचर

यूट्यूब का सपोर्ट पेज बता रहा है कि स्मार्टफोन्स में यूट्यूब ऐप पर ये फीचर कैसे काम करेगा। यूजर्स शेयर बटन पर टैप करेंगे तो एक फुल स्क्रीम चैट विंडो ओपन हो जाएगी और यहां से ये वीडियो साझा कर सकते हैं। इसके अलावा वो एक-दूसरे के साथ और ग्रुप चैट भी कर सकते हैं और टेक्स्ट रिप्लाई भी कर सकते हैं, ईमोजी और ज्यादा वीडियो के साथ वीडियो शेयर करने के एक्सपीरिएंस को और अधिक आसान बना सकेंगे।

सेफ्टी मानकों के साथ आया फीचर

ये रोआउट अभी सीमित जगह और संख्या में है और सेफ्टी मानकों के साथ आया है। यूट्यूब ने ये भी समझाया है कि सभी मैसेज भेजने वालों को उसकी कम्यूनिटी गाइडलाइंस को पूरी तरह मानना होगा। प्लेटफॉर्म ऐसे हर मैसेज को स्कैन करेगा जो नियमों को तोड़ने वाला और संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने वाला होगा। यूजर्स को कन्वरजेशन शुरू करने से पहले चैट इनवाइट को स्वीकार करना अनिवार्य होगा। वो गलत चैनल को ब्लॉक कर सकेंगे, चैट्स को रिपोर्ट कर सकेंगे और मैसेज को अनसेंड कर सकेंगे। मैसेज अलर्ट अन्य यूट्यूब नोटिफिकेशन की ही तरह आएंगे।

YouTube ने 2019 में अपने पुराने मैसेजिंग सिस्टम को बंद कर दिया था। कंपनी ने इसके बारे में कभी भी पूरी जानकारी नहीं दी लेकिन कई लोगों का मानना ​​था कि बच्चों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। रिस्क कम करने और YouTube को इस सुविधा के इस्तेमाल के बारे में डेटा इकट्ठा करने में मदद करने के लिए नई टेस्टिंग को केवल अडल्ट्स तक लिमिटेड रखा गया है। सीमित टेस्ट के नतीजों के आधार पर YouTube इस सुविधा को और देशों में लाने का फैसला कर सकता है। चुनिंदा इलाकों में टेस्ट करने से कंपनी को मजबूत डिजिटल सेफ्टी नियमों वाला एक कंट्रोल वातावरण मिलता है।

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