चीन ने शंघाई एयरपोर्ट पर भारतीय महिला के Harassment के दावों को नकारा, जानें क्या कहा


China Foreign Ministry spokesperson Mao Ning- India TV Hindi
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China Foreign Ministry spokesperson Mao Ning

China Denies Indian Woman Harassment: शंघाई एयरपोर्ट पर भारतीय महिला को हिरासत में रखने के मामले में चीन का बयान सामने आया है। पीड़िता की शिकायत पर भारत की ओर से जताई गई आपत्ति के बाद चीन ने भी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ने भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी। जांगनान चीन का क्षेत्र है। महिला के साथ नियमों के अनुसार जांच प्रक्रिया अपनाई गई थी।

अरुणाचल प्रदेश के सीएम ने दी प्रतिक्रिया

इस मामले में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी प्रतिक्रिया देते हुए घटना की निंदा की है। महिला को शंघाई पुडोंग हवाई अड्डे पर लगभग 18 घंटे तक रोक कर रखा गया थे क्योंकि अधिकारियों ने उसके भारतीय पासपोर्ट को मान्यता देने से कथित तौर पर इनकार कर दिया था। खांडू ने कहा कि ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक के साथ हुई इस घटना से वह ‘गहरा सदमा’ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि चीन के अधिकारियों का व्यवहार ‘अपमान और नस्लीय उपहास’ के समान है। मुख्यमंत्री ने कहा, “वैध भारतीय पासपोर्ट होने के बावजूद, उनसे ऐसा व्यवहार भयावह है।”

भारत का अभिन्न अंग है अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, “अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। इसके अलावा कोई भी आरोप निराधार और आपत्तिजनक है।” खांडू ने इस घटना को ‘अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन और भारतीय नागरिकों की गरिमा का अपमान’ बताते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि विदेश मंत्रालय इस मामले को तत्काल उठाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों।

महिला ने क्या बताया?

पश्चिम कामेंग जिले के रूपा की रहने वाली और वर्तमान में ब्रिटेन में रह रही थोंगडोक 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं। शंघाई में उनका 3 घंटे का ठहराव था, जो काफी परेशानी वाला हो गया। महिला ने ‘एक्स’ पर एक विस्तृत पोस्ट में लिखा: “मुझे 21 नवंबर 2025 को चीन के आव्रजन विभाग और ‘चाइना ईस्टर्न एअरलाइंस’ द्वारा शंघाई हवाई अड्डे पर 18 घंटे से ज्यादा समय तक रोक कर रखा गया। उन्होंने मेरे भारतीय पासपोर्ट को अमान्य घोषित कर दिया क्योंकि मेरा जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश है, जिसे उन्होंने चीनी क्षेत्र बताया।”

भारत सरकार बीजिंग के सामने उठाए मामला

महिला ने कहा कि उसे बिना किसी स्पष्टीकरण, भोजन या बुनियादी सुविधाओं के पारगमन क्षेत्र में रोक दिया गया तथा उसका पासपोर्ट कथित तौर पर जब्त कर लिया गया व वैध वीजा होने के बावजूद उसे जापान जाने वाले विमान में चढ़ने से रोक दिया गया। थोंगडोक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर इस घटना को ‘भारत की संप्रभुता और अरुणाचल प्रदेश के लोगों का सीधा अपमान’ करार दिया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले को बीजिंग के समक्ष दृढ़ता से उठाए, जवाबदेही की मांग करे, इसमें शामिल लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करे व उत्पीड़न के लिए मुआवजे की मांग करे।

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