
फर्जी सिम कार्ड ब्लॉक
सरकार ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब तक 21 लाख से ज्यादा सिम कार्ड बंद कर दिया गया है। दूरसंचार विभाग की इस कार्रवाई से बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिली है। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने लोगों से खास अपील भी की है, ताकि बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े पर लगाम लगाए जा सके। डेली बेसिस पर लाखों की संख्यां में फर्जी कॉल्स और मैसेज यूजर्स को रिसीव हो रहे हैं। इसके जरिए हैकर्स लोगों के डेटा चोरी करके फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं।
ट्राई ने लोगों से अपील करके कहा कि उनके फोन पर आने वाले स्पैम कॉल और मैसेज को संचार साथी ऐप पर रिपोर्ट करने के लिए कहा है। ऐसे कॉल्स और मैसेज को रिपोर्ट करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। ट्राई और दूरसंचार विभाग ने बताया कि स्पैम कॉल्स रिपोर्ट किए जाने की वजह से 21 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबरों को बंद या ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है।
क्या होते हैं स्पैम कॉल्स?
बता दें कि स्पैम कॉल्स ऐसी कॉल होते हैं, जिन्हें गैरजरूरी कमर्शियल कॉल कहा जाता है। ऐसे कॉल्स में यूजर्स को विज्ञापन सुनाए जाते हैं और डेटा चोरी करने या फिर ठगी की कोशिश की जाती है। हैकर्स ऐसे SMS भी भेजते हैं, जिनके जरिए डेटा चोरी और ठगी की कोशिश होती है। इस तरह के कॉल्स और मैसेज को रिपोर्ट करना जरूरी होता है, ताकि उनपर कार्रवाई की जा सके।
TRAI ने बताया कि स्पैम कॉल्स और मैसेज को रिपोर्ट करने के लिए TRAI DND या फिर Sanchar Saathi ऐप को डाउनलोड करना चाहिए। ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर मौजूद हैं। यूजर्स ऐप्स को डाउनलोड करने के बाद किसी भी अनजान नंबर से स्पैम कॉल या मैसेज आने के बाद रिपोर्ट कर सकते हैं। दूरसंचार विभाग और TRAI इन नंबरों को चेक करने के बाद उन्हें ब्लॉक या ब्लैकलिस्ट कर देते हैं।
जब ट्राई के DND या फिर दूरसंचार विभाग के संचार साथी ऐप पर रिपोर्ट की जाती है तो इसकी जानकारी नंबर जारी करने वाले ऑपरेटर को मिलती है। इसके बाद नंबर की जांच की जाती है कि उसके जरिए स्पैम कॉल या मैसेज किया गया है या नहीं। जांच में नंबर द्वारा स्पैम कॉल या मैसेज की जानकारी मिलने पर उसे ब्लॉक या फिर ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है। ऐसे नंबरों की शिकायत करने पर फर्जीवाड़ें के मामले में कमी आ सकती है।
21 लाख नंबर हुए बंद
TRAI और दूरसंचार विभाग ने पिछले एक साल में 21 लाख से ज्यादा नंबर बंद या ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ये नंबर किसी न किसी ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हैं और आम लोगों को स्पैम कॉल्स के जरिए तंग कर रहे थे। दूरसंचार नियामक ने इन नंबरों को रिपोर्ट करने के साथ-साथ ऐसे कॉल या मैसेज आने पर अपनी निजी जानकारियां जैसे कि पता, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, OTP आदि शेयर नहीं करनी चाहिए। अगर, यूजर्स गलती से फ्रॉड के शिकार हो भी जाते हैं तो उन्हें 1930 पर कॉल करके साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत करें।
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