
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन और वैधानिक व नियामकीय अनुपालन में पाई गई गंभीर कमियों, विशेषकर KYC नियमों से जुड़ी खामियों के चलते की गई है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, RBI ने कहा कि यह दंड बैंक द्वारा ब्याज दरों से संबंधित दिशानिर्देशों, वित्तीय सेवाओं के आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन नियमों, और KYC अनुपालन में चूक के लिए लगाया गया है।
निरीक्षण में सामने आईं अनियमितताएं
भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि बैंक की 31 मार्च 2024 तक की वित्तीय स्थिति की पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण के दौरान कई उल्लंघन सामने आए। जांच निष्कर्षों के आधार पर बैंक को नोटिस भेजा गया था। बैंक की प्रतिक्रिया और अतिरिक्त प्रस्तुतियों की समीक्षा के बाद RBI ने आरोपों को सही पाया और जुर्माना लगाने का निर्णय लिया।
RBI ने किन कमियों की ओर इशारा किया?
RBI के अनुसार एचडीएफसी बैंक में कुछ अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें बैंक ने एक ही कैटेगरी के लोन पर कई बेंचमार्क अपनाए, जो दिशा-निर्देशों के विरुद्ध है। कुछ ग्राहकों की KYC जांच का काम आउटसोर्सिंग एजेंटों को सौंप दिया गया, जो RBI के नियमों का उल्लंघन है। बैंक की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने ऐसा व्यवसाय किया, जो BR Act की धारा 6 के तहत बैंक के लिए अनुमत नहीं है।
RBI का स्पष्टीकरण
RBI ने कहा कि यह जुर्माना केवल नियामकीय कमियों पर आधारित है। यह बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन की वैधता पर टिप्पणी नहीं करता। साथ ही, यह दंड बैंक पर भविष्य में की जाने वाली किसी अन्य नियामकीय कार्रवाई को प्रभावित नहीं करेगा। एक अन्य बयान में केंद्रीय बैंक ने बताया कि मन्नाकृष्णा इन्वेस्टमेंट्स पर भी 3.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह दंड एनबीएफसी के लिए जारी मास्टर डायरेक्शन – स्केल आधारित रेगुलेशन, 2023 के ‘शासन संबंधी मुद्दे’ से संबंधित प्रावधानों का पालन न करने पर लगाया गया है।
