श्रीलंका में चक्रवात ‘दित्वा’ का कहर, 150 से अधिक लोगों की मौत, राष्ट्रपति ने घोषित किया आपातकाल


श्रीलंका में चक्रवाती तूफान- India TV Hindi
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श्रीलंका में चक्रवाती तूफान

श्रीलंका में भीषण चक्रवात ‘दित्वा’ से मची तबाही के बाद शनिवार को हालात सामान्य करने की कोशिशें जारी रहीं। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। चक्रवात के कारण मरने वालों की संख्या 150 से अधिक हो गई है। देश के विभिन्न प्रांतों से भूस्खलन में लोगों के दबने और अचानक आई बाढ़ में बह जाने की दर्दनाक घटनाएं सामने आ रही हैं। 

भारत ने करीब 21 टन राहत सामग्री श्रीलंका भेजी

इसी बीच भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत दो सैन्य विमानों से करीब 21 टन राहत सामग्री श्रीलंका भेजी। इससे एक दिन पहले छह टन से अधिक आवश्यक सामग्री की पहली खेप पहुंचाई गई थी। चक्रवात के श्रीलंका से दूर जाने के साथ जलस्तर घट रहा है, लेकिन अधिकारियों ने चेतावनी दी कि इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव अभी जारी रहेंगे। 

191 लोग अभी भी हैं लापता

आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) की रिपोर्ट के अनुसार, खराब मौसम से मरने वालों की संख्या बढ़कर 153 हो गई है। डीएमसी ने बताया कि 191 लोग लापता हैं और कई जिलों में तलाशी और राहत अभियान जारी है। कुल 25 जिलों में 2,17,263 परिवारों के 7,74,724 लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। 

पूरे देश में लगाया गया आपातकाल

कई क्षेत्रों में बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश के कारण हालात अभी भी कठिन बने हुए हैं। डीएमसी के अनुसार देशभर में 798 राहत शिविरों में 27,494 परिवारों के 1,00,898 लोग फिलहाल आश्रय लिए हुए हैं। शुक्रवार रात जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया है। 

श्रीलंका में बाढ़ जैसे हालात

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श्रीलंका में बाढ़ जैसे हालात

भारत ने शुरू किया ऑपरेशन सागर बंधु

भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया पर बताया कि चक्रवात ‘दित्वा’ से हुई तबाही को देखते हुए राहत प्रयासों में तेजी लाने के लिए ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू किया गया। शुक्रवार और शनिवार की मध्यरात्रि को हिंडन एयरबेस से एक सी-130 और एक आईएल-76 विमान भेजे गए, जिनके माध्यम से 21 टन राहत सामग्री, 80 से अधिक एनडीआरएफ कर्मी और आठ टन उपकरण श्रीलंका भेजे गए। जरूरतमंद समुदायों के लिए आवश्यक राशन और जरूरी सामान पहुंचाया गया। 

अब भारतीय समुद्री तटों की ओर बढ़ रहा तूफान

वायुसेना ने कहा, ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति पर चलते हुए भारत इस संकट की घड़ी में श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है। मौसम विभाग के महानिदेशक अथुला करुणानायके ने बताया कि चक्रवात श्रीलंका को पार कर अब भारतीय तट की ओर बढ़ रहा है, लेकिन भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तरी, उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्वी और मध्य प्रांतों के कई इलाकों में 100 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है। पश्चिमी और सबारागामुवा प्रांतों में भी 50 मिमी से अधिक बारिश का अनुमान है। 

पानी में डूबा हुआ क्षेत्र

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पानी में डूबा हुआ क्षेत्र

बाढ़ में बहे 14 लोगों को बचाया गया

पुलिस ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र पन्नाला में एक वृद्धाश्रम के 25 लोग बाढ़ में बह गए, जिनमें से 14 को बचा लिया गया। इसके अलावा, मध्य और दक्षिण-पश्चिमी प्रांतों के कई हिस्सों से लोगों के दबे होने की खबरें मिली हैं और खोज-बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने कहा कि मध्य प्रांत के अनेक इलाकों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है और बिजली संकट के कारण मोबाइल सेवाएं बंद हैं। 

अमेरिका ने 20 लाख डॉलर की मदद का किया ऐलान

इस बीच, अमेरिका ने आपात राहत कार्यों के लिए 20 लाख डॉलर देने की घोषणा की है। जबकि मालदीव ने 50,000 डॉलर की सहायता राशि और टूना मछली के 25,000 डिब्बों का दान श्रीलंका को भेजने का फैसला किया है। (भाषा के इनपुट के साथ)

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