
इंडिया गेट।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के नाम पर इंडिया गेट पर बीते दिनों प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में माओवादी हिडमा के समर्थन में नारे लगाए गए। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को हटाने गई पुलिस पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कोर्ट को बताया कि प्रदर्शन के दौरान जिन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (RSU) के एक सम्मेलन में इस साल की शुरुआत में हैदराबाद में भाग लिया था। बता दें कि पुलिस ने मामले में छह आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट अरिदमन सिंह चीमा के समक्ष दलील दी।
दिल्ली पुलिस ने दी वीडियो की दलील
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त दिनेश महला ने कोर्ट में कहा, ‘‘रिकॉर्ड में वीडियो साक्ष्य मौजूद हैं जो दिखाते हैं कि कुछ आरोपियों ने 21 और 22 फरवरी को हैदराबाद में आरएसयू के सम्मेलन में भाग लिया था।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया से कई वीडियो मिले हैं, जिनमें आरोपी छात्रों के कथित संबंध और नक्सली आंदोलन के प्रति उनके समर्थन को प्रदर्शित किया गया है। अधिकारी ने कोर्ट को बताया, ‘‘हमें नए सबूत पेश करने के लिए उनकी पुलिस हिरासत की जरूरत है, और अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया, तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।’’
आरोपियों के वकील ने क्या कहा?
वहीं दूसरी तरफ आरोपियों के वकील ने दलील दी कि पुलिस के पास छात्रों से पूछताछ करने के लिए पर्याप्त समय था और अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। वकील ने कहा, ‘‘वे किससे पूछताछ करना चाहते हैं? इन छात्रों को संसद मार्ग पुलिस थाने में दर्ज इसी तरह के एक अन्य मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। उन्हें हिरासत में नहीं रखा जाना चाहिए क्योंकि पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।’’ संसद मार्ग और कर्तव्य पथ पुलिस थानों में दर्ज दो अलग-अलग मामलों में कुल 23 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। (इनपुट- पीटीआई)
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