
पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद।
कोझिकोड: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी कि ASI के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक केके मुहम्मद ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समुदाय को अयोध्या के बाद मथुरा और ज्ञानवापी (काशी विश्वनाथ) को भी हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये दोनों जगहें हिंदुओं के लिए उतनी ही पवित्र हैं जितनी मक्का-मदीना मुसलमानों के लिए। उन्होंने कहा कि भारत आज एक सेक्युलर मुल्क है तो सिर्फ इसलिए कि यहां हिंदू बहुमत में हैं, और अगर मुस्लिम बहुमत में होते तो ऐसा नहीं होता।
‘भारत आज सेक्युलर देश है तो सिर्फ…’
ANI से बातचीत में केके मुहम्मद ने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था कि मुसलमानों को 2 और ऐतिहासिक जगहें छोड़ देनी चाहिए। ये हैं मथुरा, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, और ज्ञानवापी, जो भगवान शिव से जुड़ी हुई है। इन दोनों जगहों पर भव्य हिंदू मंदिर बनने चाहिए। हिंदुओं के लिए ये स्थान उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना। मुस्लिम समुदाय को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान बनने के बावजूद भारत आज सेक्युलर देश है तो सिर्फ हिंदू बहुमत की वजह से है। अगर यह मुस्लिम बहुमत वाला देश होता तो कभी सेक्युलर नहीं रहता। इसलिए मुस्लिम पक्ष से कुछ उदार भाव आने चाहिए।’
‘हर मस्जिद के पीछे नहीं पड़ना चाहिए’
केके मुहम्मद ने हिंदू पक्ष को भी सलाह दी कि सिर्फ 3 जगहों, अयोध्या, काशी और मथुरा तक ही बात रखी जाए। उन्होंने कहा कि इसके बाद हर मस्जिद के पीछे नहीं पड़ना चाहिए। मुहम्मद ने कहा, ‘हिंदू नेतृत्व और मुस्लिम नेतृत्व को आपस में बैठकर कुछ शर्तों पर सहमति कर लेनी चाहिए। लेकिन कम्युनिस्ट इतिहासकारों को बीच में नहीं लाना चाहिए। पहले भी इरफान हबीब जैसे JNU के कुछ लोग राम जन्मभूमि मामले को उलझाते रहे। कई मुस्लिम लोग तो राम मंदिर सौंपने को तैयार थे, लेकिन इन इतिहासकारों ने मुस्लिम समाज का दिमाग जहर से भर दिया। इसलिए अब इन लोगों को दूर रखना चाहिए।’
‘धर्म ध्वज सिर्फ एक झंडा नहीं है, बल्कि…’
गौरतलब है कि पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर पर धर्म ध्वज फहराया था। उस मौके पर पीएम मोदी ने कहा था कि धर्म ध्वज सिर्फ एक झंडा नहीं है, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा था, ‘राम मंदिर का दिव्य प्रांगण भारत की सामूहिक शक्ति का चेतना स्थल बन रहा है। अगर 2047 तक विकसित भारत बनना है तो हमें अपने अंदर राम को जगाना होगा। देश को अपनी विरासत पर गर्व करना होगा। विकसित भारत की यात्रा में रथ के 2 पहिए वीरता और धैर्य होंगे, झंडा सत्य और उत्तम आचरण का होगा, घोड़े बल, विवेक, संयम और परोपकार के होंगे, तथा लगाम क्षमा, करुणा और समता की होगी।’ (ANI)
