
संचार साथी ऐप
संचार साथी ऐप के यूजर डेटा स्टोर को लेकर उठे सवाल का दूरसंचार विभाग DoT ने जवाब दिया है। सरकार ने हाल ही में संचार साथी ऐप के हर स्मार्टफोन के लिए अनिवार्य करने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में सरकार ने साफ किया कि इस ऐप को फोन में देना वैकल्पिक है यानी OEM चाहे तो इस ऐप को अपने फोन में दे सकते हैं।
ऐप पर उठे सवाल
दूरसंचार विभाग द्वारा ऐप की अनिवार्यता पर एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए थे। एक्सपर्ट्स का कहना था कि यह ऐप किस काम आएगा? ऐप का डेटा कहां स्टोर होगा? क्या यूजर्स इसे हटा सकेंगे? एक्सपर्ट्स ने यूजर डेटा स्टोरेज को लेकर चिंता जताई थी। इंडस्ट्री का मानना था कि दूरसंचार विभाग का यह आदेश रेगुलेटर ओवररीच है, जिसका मतलब है कि दूरसंचार विभाग जरूरत से ज्यादा कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है।
DoT ने कही बड़ी बात
इस सवाल पर DoT ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दूरसंचार विभाग ने अपने X हैंडल से साफ किया है कि संचार साथी के इस्तेमाल से आपका फोन सुरक्षित रहेगा और आपका डेटा आपका ही रहेगा। संचार साथी यूजर के डेटा को ट्रैक नहीं करता है और न ही कलेक्ट करता है। इस ऐप का इस्तेमाल केवल फ्रॉड करने वालों को ब्लॉक करने, फर्जी सिम कार्ड को बंद करने और मोबाइल चोरी को रोकने के लिए किया जाता है क्योंकि ऐप हमेशा से यूजर की प्राइवेसी के बारे में सोचता है।
दूरसंचार विभाग ने संचार साथी ऐप के सही इस्तेमाल और यूजर्स को इसके जरिए होने वाली मदद के बारे में बताया है। बता दें कि सरकार ने इस ऐप को साल की शुरुआत में लॉन्च किया था। इस ऐप के जरिए यूजर्स अपने फोन पर आने वाले किसी भी फर्जी कम्युनिकेशन जैसे कि कॉल और मैसेज को रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके अलावा यूजर्स इस ऐप के जरिए ये पता लगा सकते हैं कि उनके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं और फर्जी फोन की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। यूजर्स चाहे तो ऐप की जगह संचार साथी वेबसाइट के जरिए भी ये सुविधाएं ले सकते हैं।
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