परमाणु हथियारों से लैस फ्रांस के न्यूक्लियर सबमरीन बेस के ऊपर पहुंचे एक साथ कई अवैध ड्रोन, पूरे देश में हड़कंप


फ्रांस का न्यूक्लियर सब-मरीन बेस।- India TV Hindi
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फ्रांस का न्यूक्लियर सब-मरीन बेस।

पेरिस: फ्रांस के न्यूक्लियर सबमरीन बेस के ऊपर शुक्रवार को अचानक कई अवैध ड्रोन पहुंचने से हड़कंप मच गया। मौके पर तैनात फ्रांसीसी सैनिकों ने तत्काल इन ड्रोनों की उड़ानों को रोक दिया। फ्रांसीसी अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह अवैध ड्रोन देखे गए, वह फ्रांस के परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियों का गढ़ है। फ्रांस के न्यूक्लियर सबमरीन बेस अटलांटिक तटीय अड्डे के ऊपर इस अवैध ड्रोन उड़ान की जांच की जा रही है।


एक साथ न्यूक्लियर बेस पर मंडराए कई अवैध ड्रोन

फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार यह घटना गुरुवार की रात की बताई जा रही है। पश्चिमी फ्रांस के ब्रिटनी क्षेत्र स्थित ईल लोंग (Île Longue) अड्डे के ऊपर कई ड्रोन मंडराते देखे गए, इससे खलबली मच गई। सैन्य अधिकारियों ने उनकी संख्या या प्रकार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। बता दें कि यह अड्डा फ्रांस की चार परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों-ले त्रियोम्फां (Le Triomphant), ले तेमेरेर (Le Téméraire), ले विजिलां (Le Vigilant) और ले तेरिब्ल (Le Terrible)-का गृह बंदरगाह है।

प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गए थे ड्रोन

फ्रांस के रक्षा मंत्री काथरीन वॉत्रिन ने पुष्टि की कि अड्डे पर तैनात सैनिकों ने ड्रोन उड़ान को रोक दिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने गोलीबारी की, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का इस्तेमाल किया या कोई अन्य तरीका अपनाया।

यह अभी तक पता नहीं चल सका है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। वॉत्रिन ने कहा: “हमारे देश में किसी भी सैन्य स्थल के ऊपर से उड़ान भरना पूरी तरह प्रतिबंधित है। मैं ईल लोंग अड्डे पर हमारे सैन्य कर्मियों द्वारा की गई रोकथाम कार्यवाही की सराहना करती हूं।” पिछले कुछ महीनों में यूरोपीय संघ के कई सदस्य देशों ने अपने हवाई क्षेत्र में रहस्यमयी ड्रोन उड़ानों की शिकायत की है।

कई हवाई अड्डों को भी करना पड़ा बंद, रूस पर शक

इन अवैध ड्रोनों के चलते कुछ मामलों में हवाई अड्डों को बंद करना पड़ा, जिससे व्यावसायिक उड़ानें बाधित हुईं। कई ड्रोन सैन्य ठिकानों के पास या उनके ऊपर देखे गए हैं। खासकर एस्टोनिया और पोलैंड में भी ड्रोन देखे गए हैं, हवाई क्षेत्र उल्लंघन के कई मामलों में रूस पर आरोप लगाया गया है। फ्रांस ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू कर दी है। (एपी)

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