
एप्पल ने दी गूगल क्रोम पर चेतावनी
Apple Warning: एप्पल ने आईफोन और मैक यूजर्स के लिए एक नई चेतावनी जारी की है और इसके तहत उन्हें कहा है कि वो गूगल क्रोम ऐप और गूगल क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल बंद कर दें। ऐसी चेतावनी देकर एप्पल ने जाहिर तौर पर करोड़ों आईफोन और मैक यूजर्स को असमंजस में डाल दिया है क्योंकि गूगल क्रोम दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउजर है। कंपनी ने यह चेतावनी यूजर्स की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए दी है और दावा किया है कि Google के टूल लोगों को ऐसे ट्रैकिंग तरीकों के संपर्क में लाते हैं जिन्हें बंद नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर एप्पल उन लोगों के लिए Safari को एक सुरक्षित विकल्प बता रहा है जो अपनी डिजिटल पहचान छिपाना चाहते हैं।
एप्पल की चेतावनी के बारे में जानें
एप्पल ने गूगल के सबसे लोकप्रिय प्रोडक्ट्स को लेकर चिंता जताई है और आईफोन और मैक यूजर्स को क्रोम और यहां तक कि गूगल ऐप पर निर्भर रहने से सावधान किया है। एप्पल की वॉर्निंग में अब गूगल के सीक्रेटिव फिंगरप्रिंट को भी शामिल कर लिया गया है। इस नई चेतावनी में एप्पल ने कहा है कि सफारी ब्राउजर को यूज करें जिससे ऑनलाइन डेटा ट्रेकिंग और प्राइवेसी रिस्क कम कर सकें। एप्पल के मुताबिक फिंगरप्रिंटिंग आपके फोन से कई डेटा को लेकर उन्हें ट्रेकेबल आइडेंडिटी में जोड़ देता है लेकिन सफारी ब्राउजर ऐसा कोई काम नहीं करता जिससे वेबसाइट और विज्ञापन आपकी डिवाइस की पहचान करके आपकी डिजिटल फिंगरप्रिंट बना सके।
मोजिला ने फायरफॉक्स को भी किया है अपडेट
हालांकि इस तरह का सेफ्टी मानक अपनाने वाला एप्पल एकमात्र टेक फर्म नहीं है। एप्पल के अलावा मोजिला ने फायरफॉक्स को भी इसी तरह अपडेट किया है। आप ये जांच कर सकते हैं कि आपके डिवाइस पर फिंगरप्रिंट किया जा सकता है या नहीं, फायरफॉक्स पर स्विच करने वाले यूजर्स के लिए सेफ्टी मानकों के मोर्चे पर चिंता कम है।
सिस्टम सेटिंग्स का आसान रूप दिखाता है सफारी
एआई के जरिए ट्रेकिंग रोकना, सच में प्राइवेट ब्राउजिंग और लोकेशन डेटा चोरी से सुरक्षा करने में गूगल क्रोम पर असमंजस है क्योंकि डेटा फिंगरप्रिंटिंग को रोकने वाले नियम को गूगल ने हटा दिया था। इसके बाद ये आपके डेटा को कलेक्ट कर सकता है। डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए भी आपकी हर ऑनलाइन गतिविधि गूगल के पास रिकॉर्ड रहती है। हालांकि सफारी में ऐसा नहीं होता है क्योंकि ये सिस्टम सेटिंग्स का आसान रूप दिखाता है जिसके बाद ट्रैकर्स को सभी डिवाइस एक जैसी दिखती है और किसी की खास डिवाइस अलग से नहीं दिखती है और इस तरह से आपकी प्राइवेसी सुरक्षित रहती है।
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