जापान के उत्तरी हिस्से में आने वाला है महाभूकंप? जानें सरकार ने क्यों जारी की एडवाइजरी


जापान में अक्सर भूकंप...- India TV Hindi
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जापान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

टोक्यो: जापान ने देश के उत्तरी हिस्से में एक बड़े भूकंप की संभावना को लेकर एक ‘महाभूकंप’ (Megaquake) की सलाह जारी की है। यह चेतावनी मंगलवार को दी गई, जब जापान के मुख्य द्वीप होन्शू के सबसे उत्तरी प्रांत आओमोरी के पूर्वी तट पर 7.5 तीव्रता का भूकंप आया। यह भूकंप उत्तरी द्वीप होक्काइडो के ठीक दक्षिण में आया था। इस भूकंप से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, सिर्फ 34 लोग हल्की चोटों से घायल हुए और कुछ सड़कें व इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं।

महाभूकंप क्या होता है?

महाभूकंप एक बहुत बड़ा और शक्तिशाली भूकंप होता है, जिसकी तीव्रता 8 या उससे ज्यादा होती है। यह भूकंप बड़े इलाके को प्रभावित कर सकता है, सुनामी ला सकता है और भारी तबाही मचा सकता है। जापान जैसे देशों में यह आम है क्योंकि यहां टेक्टॉनिक प्लेट्स के बीच घर्षण ज्यादा होता है। सरकार द्वारा जारी की गई चेतावनी कोई भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि सिर्फ सावधानी बरतने की सलाह है। अधिकारियों का कहना है कि 8 या उससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप की संभावना सिर्फ 1 फीसदी है, लेकिन यह 2011 की भयानक आपदा की याद दिलाने का काम कर सकती है, जिसमें करीब 20,000 लोग मारे गए थे और एक परमाणु संयंत्र तबाह हो गया था।

चेतावनी क्यों जारी की गई?

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी का कहना है कि सोमवार के शक्तिशाली भूकंप ने होक्काइडो और सानरिकु तट के इलाकों में जोखिम अस्थायी रूप से बढ़ा दिया है। इन इलाकों में प्रशांत प्लेट के नीचे दो गहरी खाइयां हैं, जापान ट्रेंच और चिशिमा ट्रेंच, जहां पहले भी कई बड़े भूकंप आ चुके हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 2011 का घातक भूकंप और सुनामी जापान ट्रेंच से जुड़े हलचल के कारण आया था। यह ट्रेंच चिबा के पूर्वी तट से आओमोरी तक फैला है, जबकि चिशिमा ट्रेंच होक्काइडो के पूर्वी तट से उत्तरी द्वीपों और कुरिल द्वीपों तक जाता है।

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भूकंप के बाद टूटी हुई खिड़कियों को तिरपाल से ढंकते हुए लोग।

JMA ने चेतावनी समझाते हुए कहा कि 11 मार्च 2011 को आया 9.0 तीव्रता का भूकंप, दो दिन पहले इवाते के पूर्वी तट पर जापान ट्रेंच में आए 7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद हुआ था। 2011 का भूकंप इवाते, मियागी और फुकुशिमा प्रांतों में सबसे ज्यादा तबाही लाया। सुनामी की ऊंचाई कुछ जगहों पर 15 मीटर यानी कि 50 फीट से ज्यादा थी, जिसने फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र को तबाह कर दिया था। इससे रेडिएशन का डर आज भी लोगों में बाकी है। अधिकारियों का कहना है कि अब अगले हफ्ते में 8 या उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने का जोखिम बढ़ा है। इसलिए तटीय इलाकों के निवासियों को सलाह दी गई है कि वे तैयार रहें, और अगर बड़ा भूकंप आए तो इमरजेंसी बैग लेकर तुरंत भाग सकें।

कितना नुकसान हो सकता है?

सरकार के अनुमान के मुताबिक, होक्काइडो-सानरिकु इलाके में एक और समुद्री मेगा भूकंप आने पर 30 मीटर या लगभग 100 फीट ऊंची सुनामी आ सकती है। इससे 1,99,000 लोग मारे जा सकते हैं, 2,20,000 घर और इमारतें नष्ट हो सकती हैं, और 31 ट्रिलियन येन यानी कि 198 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है। सर्दियों में 42,000 लोग हाइपोथर्मिया या बहुत ठंड लगने से प्रभावित हो सकते हैं। यह चेतावनी होक्काइडो से चिबा प्रांत तक 182 नगर पालिकाओं को कवर करती है।

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जापान में भूकंप से कई बार भारी तबाही हुई है।

जापान की एक अलग चेतावनी, जो देश के दक्षिणी हिस्से की प्रशांत तट के लिए है, उसे ‘नांकाई ट्रॉफ’ मेगा भूकंप कहा जाता है। यह पहली बार पिछले साल अगस्त में सक्रिय की गई थी, जब मियाजाकी के पूर्वी तट पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था। 2013 के अनुमान के अनुसार, नांकाई ट्रॉफ में 9.1 तीव्रता का भूकंप आने पर 10 मीटर या 33 फीट से ज्यादा ऊंची सुनामी मिनटों में आ सकती है। इससे 3,23,000 लोग मारे जा सकते हैं, 2 मिलियन से ज्यादा इमारतें नष्ट हो सकती हैं, और 200 ट्रिलियन येन या 1.28 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो सकता है।

पिछले साल भी दी गई थी चेतावनी

पिछले साल गर्मियों में जापान के दक्षिणी हिस्से की प्रशांत तट पर ‘नांकाई ट्रॉफ’ मेगा भूकंप की चेतावनी दी गई थी, लेकिन उसकी अस्पष्टता से लोगों में दहशत फैल गई। इमरजेंसी फूड खरीदने की होड़ लग गई, कार्यक्रम रद्द हो गए और कारोबार बंद हो गए। ऐसे में अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे शांत रहें और तैयार रहें। आपदा रोकथाम के कैबिनेट अधिकारी त्सुकासा मोरिकुबो ने मंगलवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह चेतावनी किसी विशेष समय या जगह पर भूकंप आने की भविष्यवाणी नहीं है। उन्होंने निवासियों से अपील की कि वे सावधान रहें, तैयार रहें, लेकिन अपनी रोजमर्रा की जिंदगी और काम जारी रखें।

अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि वे इमरजेंसी बैग रखें, जिसमें कुछ दिनों की जरूरी चीजें हों, साथ में जूते और हेलमेट भी। उन्होंने लोगों से कहा कि वे परिवार के साथ निकासी की योजना पर चर्चा करें और रात में पजामा की बजाय दिन के कपड़े पहनकर सोएं, ताकि तुरंत भाग सकें। फर्नीचर को फर्श या दीवार से बांध दें। नगर पालिकाओं ने भी अपनी वेबसाइटों पर चेतावनी को समझाया और राहत सामग्री व निकासी केंद्रों के उपकरणों की जांच शुरू कर दी। दरअसल, पिछले साल की पहली मेगा भूकंप चेतावनी में बहुत सारे वैज्ञानिक शब्द थे, जिससे लोग कंफ्यूज हो गए थे। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि यह चेतावनी लोगों को जागरूक बनाएगी और वे बिना घबराए तैयारी करेंगे। (AP)

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