
Good Morning Sanskrit Quotes
आज शनिवार का दिन है और ये दिन नौकरी पेशा लोगों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन लोग अपनी फैमिली के साथ वीकेंड का आनंद लेते हैं। ऐसे में हर कोई चाहता है कि उसके सुबह की शुरुआत शानदार हो क्योंकि अगर सुबह अच्छी होगी तो पूरा दिन अच्छा गुजरेगा। अपनों के दिन को खास बनाने के लिए एक प्यार भरा मैसेज ही काफी होता है। लोग सुबह सुबह अपनों को सुप्रभात संदेश भेजकर उनके दिन को खास बनाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने करीबियों की सुबह को खास बनाना चाहते हैं तो यहां से गुड मॉर्निंग विशेज भेज सकते हैं। यहां देखें गुड मॉर्निंग विशेज इन संस्कृत।
1. विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।
हिंदी अर्थ – निरंतर अभ्यास से प्राप्त निश्चल एवं निर्दोष विवेकज्ञान अज्ञानता का ही उपाय है|
2. न कालमतिवर्तन्ते महान्तः स्वेषु कर्मसु।
हिंदी अर्थ – महान लोग अपने कार्यों में देरी नहीं करते है|
3. अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्।
अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुत: सुखम्।।
हिंदी अर्थ – आलसी व्यक्ति को विद्या कहाँ, मूर्ख को धन कहाँ, निर्धन को मित्र कहाँ एवं जिसका मित्र नहीं उसको सुख कहां|
4. जीवेषु करुणा चापि मैत्री तेषु विधीयताम्।
हिंदी अर्थ – जीवों पर मैत्री एवं करुणा कीजिये|
5. शतहस्त समाहर सहस्रहस्त संकिर।
हिंदी अर्थ – सौ हाथों से कमाओं एवं हज़ार से दान करों|
6. नातिक्रान्तानि शोचेत प्रस्तुतान्यनागतानि चित्यानि।
हिंदी अर्थ – जो बातें बीत चुकी है, उन्हें सोचकर दुखी ना होवे बल्कि वर्तमान तथा भविष्य की बातों पर ध्यान दे|
7. स्वस्मै स्वल्पं समाजाय सर्वस्वं।
हिंदी अर्थ – अपने लिए थोडा एवं दूसरों के लिए सब कुछ|
8. आलसय्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धु: कृत्वा यं नावसीदति।
हिंदी अर्थ – मनुष्य के शरीर में निवास करने वाला आलस्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है| इसके होते परिश्रम जैसा मनुष्य का कोई अन्य मित्र नही हो सकता है|
9. चन्दनं शीतलं लोके, चन्दनादपि चन्द्रमाः।
चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः।
हिंदी अर्थ – इस संसार में चन्दन को सबसे शीतल माना जाता है और चंदन से भी शीतल होता है| अच्छे मित्रों का साथ चंदन व चंद्रमा के भी अधिक शीतलता प्रदान करता है|
10. कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थिते गौरी प्रभाते करदर्शनम्।।
हिंदी अर्थ – हथेली के सबसे अग्रभाग में लक्ष्मी जी, मध्य भाग में सरस्वती जी एवं मूल भाग में ब्रह्माजी का निवास होता है| इसलिए प्रात:काल सर्वप्रथम अपनी हथेली के ही दर्शन करने चाहिए|
11. सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्।
एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः।।
हिंदी अर्थ – जो अन्य लोगों को वश में होता है, वह दुःख होता है| जो स्वयं के वश में होता है, वह सुख होता है| यही है संक्षेप में सुख एवं दुःख का लक्षण|
