शेयर बाजार खा गया हिचकोले, सेंसेक्स 427 अंक लुढ़का, निफ्टी भी परास्त, ये प्रमुख स्टॉक्स धड़ाम


बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में करीब 0.4% की गिरावट देखी गई।- India TV Paisa

Photo:PTI बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में करीब 0.4% की गिरावट देखी गई।

घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को शुरुआती सत्र में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। सुबह 10 बजकर 19 मिनट के करीब बीएसई सेंसेक्स एक समय 427.32 अंक की गिरावट के साथ 84,786.04 के लेवल पर कारोबार करता दिखा। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी भी 124.90 अंक लुढ़ककर 25,902.40 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। निफ्टी में प्रमुख गेनर्स में टाटा कंज्यूमर, भारती एयरटेल, अपोलो हॉस्पिटल्स, टाइटन कंपनी और एशियन पेंट्स शामिल हैं, दूसरी ओर एक्सिस बैंक, टाटा स्टील, जियो फाइनेंशियल, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के टॉप लूजर्स बने हुए हैं।

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी मंदी

सेंसेक्स कंपनियों में से, इटरनल, एक्सिस बैंक, HCL टेक, इंफोसिस, टाटा स्टील और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख रूप से पीछे रहने वाली कंपनियों में शामिल थीं। हालांकि, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाइटन फायदे में रहने वाली कंपनियों में शामिल थीं। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी मंदी की नजर आ रही है और दोनों ही करीब 0.4% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सेक्टर की बात करें तो एफएमसीजी और टेलीकॉम सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल स्टॉक्स लाल मार्क में ट्रेड कर रहे हैं।

बीएसई सेंसेक्स में शामिल कंपनियों का प्रदर्शन।

Image Source : BSE INDIA

बीएसई सेंसेक्स में शामिल कंपनियों का प्रदर्शन।

रुपये को लगा और झटका

मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। रुपये में 9 पैसे की गिरावट दर्ज की गई और यह 90.87 प्रति डॉलर के ऑल-टाइम लो पर खुला। फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कोई ठोस प्रगति न होना रुपये पर दबाव की मुख्य वजह रही। हालांकि, डॉलर में कमजोरी और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते रुपये में और ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिली। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया 90.77 से 90.87 के दायरे में कारोबार करता नजर आया।

सोमवार को भी रुपया दबाव में रहा था और कारोबार के अंत में यह 90.78 प्रति डॉलर के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। सोमवार को रुपये में 29 पैसे की बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी, जिसकी वजह भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता और विदेशी फंड्स की लगातार निकासी बताई जा रही है।

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