लोकसभा में ‘वीबी-जी राम जी बिल 2025′ पास, विपक्ष के हंगामे के बीच शिवराज का जोरदार भाषण


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लोकसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

नई दिल्ली: लोकसभा ने गुरुवार को विपक्ष के जोरदार विरोध और हंगामे के बीच ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया। यह विधेयक मनरेगा योजना की जगह लेगा। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में जवाब देते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के आदर्शों को खत्म कर दिया, जबकि मोदी सरकार उन्हें जिंदा रख रही है। विधेयक पर बुधवार को देर रात तक चर्चा चली थी। विपक्ष के अधिकतर सदस्यों ने इसे विभाग संबंधी संसदीय स्थायी समिति को भेजने की मांग की थी।

‘कांग्रेस ने बापू के आदर्शों को मार दिया’

गुरुवार को कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने मंत्री के जवाब से पहले यह मांग फिर दोहराई, लेकिन आसन ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा करते हुए कुछ विपक्षी सदस्य आसन के पास आए और मंत्री के सामने कागज उछाले। इस माहौल में चौहान ने अपना जवाब पूरा किया। सदन ने विपक्ष के कुछ संशोधनों को खारिज कर विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विपक्ष के MGNREGA से महात्मा गांधी का नाम हटाने के आरोपों को खारिज करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘कांग्रेस ने बापू के आदर्शों को मार दिया, जबकि मोदी सरकार ने उन्हें जिंदा रखा है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार महात्मा गांधी के आदर्शों को लागू करने और विकसित गांव की बुनियाद पर विकसित भारत बनाने की दिशा में काम कर रही है।

‘प्रधानमंत्री मोदी ने इसे सही से क्रियान्वित किया’

चौहान ने सदन को याद दिलाया कि देश में 1960-61 में ग्रामीण जनशक्ति कार्यक्रम से लेकर मनरेगा तक समय-समय पर कई योजनाएं बनीं। उन्होंने कहा कि जब पुरानी योजनाओं से उद्देश्य पूरा नहीं होता या थोड़ा ही हासिल होता है, तो नई योजनाएं लाई जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि MGNREGA के नाम में पहले महात्मा गांधी का नाम नहीं था और यह नरेगा कहलाती थी, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले वोटों के लिए कांग्रेस को बापू याद आ गए और उनका नाम जोड़ा गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस नीत सरकार ने मनरेगा को भी ताकत के साथ लागू नहीं किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे सही से क्रियान्वित किया।’

‘कांग्रेस पार्टी ने गांधी का नाम चुराने का पाप किया है’

UPA और NDA सरकार के समय की तुलना करते हुए उन्होंने बताया कि कांग्रेस के समय जहां 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित हुए थे, वहीं मोदी सरकार में 3210 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए गए। महिलाओं की भागीदारी कांग्रेस के समय 48 प्रतिशत थी, जो मोदी सरकार में बढ़कर 56.73 प्रतिशत हो गई। चौहान ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने तो गांधी का नाम चुराने का पाप किया है।’ उन्होंने प्रियंका गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सदन में आरोप लगाया था कि यह सरकार ‘सनक’ में नाम बदल रही है। जवाब में चौहान ने कहा, ‘हम सनक में नाम नहीं बदल रहे, अपने परिवार के लोगों पर नाम रखने की सनक तो कांग्रेस की है।’

‘इन्होंने बापू के आदर्शों को मारने का काम किया’

शिवराज ने दावा किया कि कांग्रेस सरकारों के समय सैकड़ों योजनाओं, इमारतों, उत्सवों और संस्थानों के नाम गांधी परिवार के सदस्यों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर रखे गए। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उसने महात्मा गांधी का नाम लेकर ‘ढोंग’ किया है। कांग्रेस ने देश के बंटवारे के दिन, कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने के साथ और इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने के दिन ही ‘बापू के आदर्शों की हत्या कर दी थी।’ चौहान ने जोर देकर कहा, ‘इन्होंने बापू के आदर्शों को मारने का काम किया, मोदी सरकार ने उन्हें जिंदा रखने का काम किया।’

शिवराज ने किया मनरेगा की कमियों का जिक्र

मनरेगा की कमियों का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि इसमें 60 प्रतिशत पैसा मजदूरी के लिए और 40 प्रतिशत निर्माण सामग्री के लिए था, लेकिन विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों में मजदूरी का पूरा पैसा ले लिया जाता था और सामग्री पर केवल 26 प्रतिशत या कई राज्यों में 19-20 प्रतिशत ही खर्च होता था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस योजना को पूरी तरह भ्रष्टाचार के हवाले कर दिया था। चौहान ने विपक्षी ‘INDIA’ गठबंधन से कहा, ‘दिल पर हाथ रखकर बताएं कि क्या इसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ, पैसा इनकी जेबों में नहीं गया, इनके नेताओं ने लूट नहीं की।’ उन्होंने कहा कि इस लूट को रोकने, कमियों को दूर करने और पारदर्शिता लाने के लिए नया विधेयक लाया गया है। नए कानून में व्यापक विचार-विमर्श के बाद अधिक रोजगार का प्रावधान किया गया है और धनराशि का इस्तेमाल पूरी तरह विकसित गांव बनाने में होगा।

‘योजना के तहत आपदा प्रबंधन के काम भी होंगे’

केंद्रीय कृषि मंत्री ने आदर्श गांव की कल्पना बताते हुए कहा कि इसमें रोजगार, शिक्षा, सुशासन, स्वच्छता, नल से शुद्ध पीने का पानी, इलाज, बच्चों को पोषण, प्रकाश व्यवस्था और पक्की सड़कें होंगी। बजट का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने इस योजना का बजट कम करके 40 हजार करोड़ से 35 हजार करोड़ रुपये कर दिया था, जबकि मोदी सरकार ने 1 लाख 11 हजार करोड़ रुपये तक खर्च किए और इस साल 1,51,282 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। यह पैसा मजदूरी और गांवों के विकास के लिए है। योजना के तहत आपदा प्रबंधन के काम भी होंगे। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष प्रावधान होंगे तथा उन्हें रोजगार गारंटी कार्ड दिए जाएंगे।

‘गरीब कल्याण में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी’

मोदी सरकार की पीएम आवास योजना, जलजीवन मिशन, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना और अटल पेंशन योजना आदि का उदाहरण देते हुए चौहान ने कहा, ‘हमारे लिए बापू आज भी इन योजनाओं में जिंदा हैं। महात्मा गांधी केवल पोस्टरों और तस्वीरों में नहीं, बल्कि अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के हमारे कार्यों में जिंदा हैं।’ राज्यों के अंशदान पर विपक्ष की आपत्ति का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों का अनुपात 60:40 रखा गया है ताकि राज्यों की सहभागिता बढ़े और वे जिम्मेदारी समझें। अंत में चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है और गरीब कल्याण में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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