
Nicolas Maduro (L) Donald Trump (R)
America-Venezuela Tension: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वेनेज़ुएला को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहे हैं और लगातार आक्रामक बयान दे रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि दुनिया में एक और युद्ध की घंटी बज गई है। कुल मिलाकर ड्रग्स तस्करी से शुरू हुई लड़ाई एनर्जी और ऑयल रिसोर्सेज पर आ गई है। ट्रंप ने अब वेनेज़ुएला पर बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए उसे आतंकी देश तक बता दिया है। ट्रंप के इस रुख को उस संकेत के रूप में देखा जा रहा है जब अमेरिका वेनेजुएला पर हमला भी कर सकता है।
ट्रंप ने दिखाए सख्त तेवर
डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला को सिर्फ आतंकी देश ही नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि वेनेजुएला को हमारी संपत्तियां लौटानी होंगी। हम अपना तेल वेनेजुएला से वापस लेकर रहेंगे। ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि वेनेजुएला ने हमारे तेल, ऊर्जा और संपत्तियों पर कब्जा किया है, हम अपना अधिकार वापस लेकर रहेंगे। ट्रंप ने कहा कि वेनेजुएला पर अब तक की सबसे बड़ी नौसैनिक घेराबंदी का सामना कर रहा है और उसे हमारे जो रिसोर्सेज गैर कानूनी तरीके से छीने हैं उन्हें लौटाना पड़ेगा।
सनसनीखेज हैं ट्रंप के दावे
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने वेनेज़ुएला के खिलाफ इस तरह के सख्त तेवर दिखाए हैं। ट्रंप ने इससे पहले यहां तक दावे किए हैं कि वेनेज़ुएला की सरकार संगठित अपराध, ड्रग तस्करी और अमेरिका-विरोधी ताकतों के साथ सांठगांठ करती है। उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसे देश अमेरिका और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं। इन्हीं तर्कों के आधार पर ट्रंप लगातार ने वेनेज़ुएला के खिलाफ सख्त कदमों-यहां तक कि सैन्य कार्रवाई-की बात कहते रहे हैं।

Donald Trump
दबाव बनाने की रणनीति या युद्ध की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का तर्क है कि कूटनीति और प्रतिबंधों से अपेक्षित नतीजे नहीं मिले। उनके अनुसार, यदि कोई सरकार आतंक और अपराध को संरक्षण देती है, तो कठोर विकल्प खुले रखने चाहिए। हालांकि, कई लोगों का यह भी कहना है कि ऐसी बयानबाजी अक्सर दबाव बनाने की रणनीति भी होती है ना कि युद्ध की तैयारी।
तनावपूर्ण रहे हैं अमेरिका और वेनेज़ुएला के संबंध
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, अमेरिका और वेनेज़ुएला के संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। ह्यूगो चावेज और बाद में निकोलस मादुरो के दौर में दोनों देशों के बीच वैचारिक टकराव बढ़ा। प्रतिबंध, राजनयिक कटौती और विपक्ष को समर्थन जैसे कदम पहले भी अमेरिका उठा चुका है, जिससे अविश्वास और गहरा हुआ। वेनेज़ुएला सरकार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे अमेरिका की साम्राज्यवादी राजनीति करार दिया है। वेनेज़ुएला का कहना है कि वॉशिंगटन घरेलू संकटों से ध्यान हटाने के लिए बाहरी दुश्मन गढ़ रहा है और उसकी संप्रभुता में हस्तक्षेप करना चाहता है।
हमले का जवाब देगा वेनेजुएला
ऐसे में अब जब ट्रंप की ओर लगातार धमकी दी जा रही है तो वेनेजुएला भी अमेरिका के आगे अड़ गया है। वेनेजुएला ने अमेरिका पर पलटवार किया है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने ट्रंप को दी धमकी है कि अगर अमेरिका ने हमला किया तो हम भी जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि हमले का जवाब हमले से दिया जाएगा। मादुरो ने वेनेजुएला की सेना को तैयार रहने का आदेश तक दे दिया है।

Nicolas Maduro
विश्व ने की संयम बरतने की अपील
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते टकराव को लेकर लैटिन अमेरिकी देशों और वैश्विक शक्तियों ने संयम बरतने की अपील की है। कई देशों का मानना है कि सैन्य विकल्प से क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ेगी, शरणार्थी संकट गहराएगा और ऊर्जा बाजारों पर भी असर पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों से भी संवाद पर जोर दिया गया है। लेकिन, फिर भी अगर बयानबाजी कार्रवाई में बदलती है, तो इसका असर केवल वेनेज़ुएला तक सीमित नहीं रहेगा। अमेरिका की छवि, क्षेत्रीय सुरक्षा, तेल आपूर्ति और वैश्विक राजनीति पर इसका असर देखने को मिलेगा। असली परीक्षा अब इस बात की है कि आगे कूटनीति हावी रहती है या टकराव बढ़ता है।
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