
गुरुवार व्रत नियम
Guruwar Vrat Niyam: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्री हरि की पूजा अत्यंत ही फलदायी माना जाता है। गुरुवार के दिन व्रत करने का भी विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार का व्रत करने से जातक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और गुरु दोष भी दूर हो जाता है। इतना ही नहीं अगर वैवाहिक जीवन में अशांति है तो वो भी दूर हो जाता है। लक्ष्मी-नारायण की कृपा से दांपत्य जीवन खुशहाल हो जाता है। वहीं अगर किसी कुंवारी कन्या के विवाह में विघ्न और बाधा आ रही है तो गुरुवार के व्रत करने से उसका विवाह शीघ्र हो जाता है। तो चलिए अब जानते हैं गुरुवार व्रत के नियम के बारे में।
गुरुवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए?
अगर आप गुरुवार का व्रत शुरू करना चाहते हैं तो महीने का शुक्ल पक्ष सबसे उत्तम रहेगा। गुरुवार का व्रत शुक्ल पक्ष के गुरुवार से शुरू किया जा सकता है। वहीं बता दें कि इस व्रत को 16 गुरुवार तक रखा जाता है उसके बाद 17वें गुरुवार को उद्यापन कर दें। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा होती है।
गुरुवार व्रत में इन नियमों का करें पालन
गुरुवार के व्रत में बाल नहीं धोया जाता है तो बिना बाल धोएं ही सुबह स्नान आदि कर लें।
गुरुवार व्रत में पीला या नारंगी रंग के कपड़े ही पहनें।
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएं।
गुरुवार व्रत में केले के पेड़ की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है।
गुरुवार व्रत कथा जरूर सुने। साथ ही बृहस्पति भगवान की आरती करें।
गुरुवार के दिन नाखून, बाल नहीं काटा जाता है। तो जब आप व्रत का उद्यापन कर दें तब भी इन बातों का ध्यान रखें।
गुरुवार व्रत के दिन क्या खाएं और क्या नहीं
गुरुवार व्रत के दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें।
इस व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। लेकिन सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं।
गुरुवार व्रत में केला नहीं खाया जाता है।
गुरुवार व्रत में दूध से बनी चीजें जैसे- दही, पनीर आदि खा सकते हैं।
इसके अलावा गुरुवार व्रत में कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, संतरा, पीपता, सेब, ड्राई फ्रूटस आदि चीजें खा सकते हैं।
गुरुवार के दिन तामसिक भोजन और लहसुन-प्याज युक्त भोजन न करें।
गुरुवार व्रत में चानव, मैदा का सेवन नहीं किया जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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