दिल्ली के 10 हजार क्लास रूम में लगाए जाएंगे एयर प्यूरीफायर, मंत्री ने कहा- 10 महीने में नहीं उपजा ये वायु प्रदूषण


दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद- India TV Hindi
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दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद

दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मंत्री आशीष सूद ने कहा कि प्रदूषण सिर्फ पिछले 10 महीने में उपजा हुआ मुद्दा नहीं है। दिल्ली का अपना कोई मौसम नहीं है। दिल्ली में प्रदूषण में आस-पास के राज्यों का एक बड़ा योगदान होता है। मंत्री ने इस दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग ने 10 हजार क्लास रूम में एयर प्यूरीफायर लगाने का टेंडर जारी किया है। बाद में दिल्ली के सभी क्लास रूम में एयर प्यूरीफायर लगाएंगे। स्मार्ट क्लास में अब शुद्ध हवा भी मिलेगी। 

मंत्री ने CAG की रिपोर्ट का दिया हवाला

मंत्री आशीष सूद ने आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुछ बेरोजगार नेता वायु प्रदूषण के मुद्दों पर बोलते रहते हैं। ये कहते हैं कि दिल्ली के AQI मीटर ग्रीन बेल्ट में लगा दिए गए। जबकि 2018 में जो 20 AQI मीटर लगे थे उनमें से 30% मीटर ग्रीन बेल्ट में लगे थे। क्योंकि इनका मकसद प्रदूषण कम करना नहीं था। ये मेरी रिपोर्ट नहीं है। ये CAG की रिपोर्ट है।’ 

अरविंद केजरीवाल सरकार लाई थी odd -even योजना

दिल्ली सरकार के मंत्री ने कहा, ‘बेरोजगार नेता कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने odd -even जैसी योजना लाए थे। जबकि मीडिया रिपोर्ट बताती है कि इससे क्यों प्रदूषण कम नहीं हुआ था। इसी तरह से रेड लाइट on गाड़ी ऑफ की बात करते हैं। जबकि इस योजना के बारे में DPCC ने कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होता था। ये लोग सिर्फ PR एक्सरसाइज करते थे।’ 

केजरीवाल के पास विज्ञापन के लिए पैसा था

मंत्री आशीष सूद ने कहा, ‘अगर दिल्ली में धूल से प्रदूषण होता है जैसे कि एक्सपोर्ट बताते हैं तो स्वीपिंग मशीन लाते थे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठीक करते। इनके पास पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए पैसा नहीं था। विज्ञापन के लिए पैसा था।’ 

एक दिन की समस्या नहीं है प्रदूषण

प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मंत्री ने कहा, ‘EV पालिसी की बात करते थे। इस योजना में भी जो 45 करोड़ को सब्सिडी देनी थी वो नहीं दिया। वो पैसा आज हमारी सरकार दे रही है। प्रदूषण एक दिन की समस्या नहीं है। इसके लिए दीर्घकालीन प्रशासनिक योजना चाहिए।’





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