
बांग्लादेश में हिंसा की तस्वीर।
ढाका: बांग्लादेश में हिंसा के दौरान एक हिंदू युवक को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला और बीच सड़क पर उसके शव को आग के हवाले कर दिया। इससे बांग्लादेश में कट्टर इस्लामवादी सोच और हिंदुओं के प्रति फैली नफरत का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। मगर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर अपनी आंखें बंद कर रखी हैं।
क्यों हुई हिंदू युवक की हत्या
बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के पीछे ईशनिंदा का कथित आरोप लगाया गया है। कट्टर इस्लामवादियों की भीड़ ने एक हिंदू व्यक्ति को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। उनकी दरिंदगी यहीं नहीं थमी, हत्या के बाद युवक के शव को आग लगा दी। यह देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की ताजा घटना है।
कौन था मृतक
बांग्लादेश में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए युवक की पहचान 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो मयमेनसिंह शहर में एक फैक्ट्री मजदूर था। बांग्ला ट्रिब्यून न्यूज पोर्टल ने यह खबर दी। कहने को अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में मयमेनसिंह शहर में हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की निंदा की और कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।”इस जघन्य अपराध के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। मगर इस मामले में पुलिस कोई सख्ती दिखाती नहीं दिख रही है। पुलिस के अनुसार दास को गुरुवार रात फैक्ट्री के बाहर ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पहले पीटा और फिर एक पेड़ से लटका दिया।
घटना के बाद इलाके में बढ़ा तनाव
न्यूज पोर्टल के हवाले से भालुका मॉडल पुलिस स्टेशन के जांच निरीक्षक अब्दुल मलिक ने कहा, “घटना के बाद गुस्साई भीड़ ने मृतक के शव को ढाका-मयमेनसिंह राजमार्ग के किनारे छोड़ दिया और उसे आग लगा दी। इससे राजमार्ग के दोनों ओर यातायात ठप हो गया।”पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए मयमेनसिंह मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में भेज दिया। मलिक ने आगे कहा कि इस घटना से इलाके में तनाव पैदा हो गया है और पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बांग्लादेश में हिंसा तेज
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने कहा, “हम हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति नष्ट करने के सभी कृत्यों की कड़ी और स्पष्ट निंदा करते हैं। इस महत्वपूर्ण समय में, हम हिंसा, उकसावे और नफरत को अस्वीकार और प्रतिरोध करके हर नागरिक से हादी का सम्मान करने का आह्वान करते हैं। बता दें कि उस्मान हादी को ढाका में नकाबपोश बंदूकधारियों द्वारा गोली मार दी गई थी। इसके छह दिन बाद हसीना के प्रमुख विरोधी नेता उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत हो गई। हादी ने ही हसीना के खिलाफ जुलाई 2024 में हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था।
