
इशाक डार, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री।
इस्लामाबाद: पहलगाम हमले के बाद भारत के एक एक्शन का असर पाकिस्तानियों को अब भूखों मरने पर मजबूर कर चुका है। दरअसल भारत ने पहलगाम के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया था। भारत के इस कदम से पाकिस्तान में अब हालात भयावह होने लगे हैं। पाकिस्तान के लोग बूंद-बूंद पानी को तरसने लगे हैं। ऐसे वक्त में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार का बौखलाया हुआ बयान सामने आया है। डार ने शुक्रवार को भारत पर सिंधु जल संधि को लगातार कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाते कहा कि नई दिल्ली के इस कदम से तो हमारे लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। वह लोग भूखों-प्यासों मर जाएंगे।
भारत के एक्शन से पाकिस्तान में हाहाकार
भारत के इस एक्शन से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। डार ने कहा कि हमने इस वर्ष अप्रैल में देखा कि भारत ने सिंधु जल संधि पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए इसे रद्द कर दिया।, लेकिन अब हम जो देख रहे हैं वह भारत द्वारा भौतिक उल्लंघन हैं जो सिंधु जल संधि के मूल में चोट पहुंचाते हैं, जिसके क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून की पवित्रता दोनों को चुनौती पेश होती है।
भारत ने क्यों रद्द की सिंधु जल संधि
पाकिस्तानी आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में बड़ा आतंकवादी हमला कर दिया। इसमें 26 भारतीय लोगों को आतंकियों ने मार डाला। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक उपायों की एक श्रृंखला अपनाई, जिसमें 1960 की सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को “स्थगन” में डालना शामिल था। विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता वाली आईडब्ल्यूटी 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के वितरण और उपयोग को नियंत्रित करती रही है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर भी किया, जिसमें 9 आतंकवादी ठिकाने ध्वस्त किए और इस दौरान 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।
डार ने कहा- भारत ने पाकिस्तानियों का जीवन खतरे में डाला
पाकिस्तान के विदेश मंत्री डार ने कहा कि भारत ने अपने इस कदम से पाकिस्तानियों के जीवन को खतरे में डाल दिया है। क्योंकि इससे पाकिस्तान बाढ़ और सूखे के प्रति असुरक्षित हो गया है। बेसिन में जल की शून्यता पाकिस्तान में कृषि चक्र को प्रभावित कर रही हो, जो यहां के लोगों को जीवन और आजीविका के लिए सीधा खतरा पैदा कर रही है। डार ने यह भी आरोप लगाया कि “भारत द्वारा पानी की हेराफेरी” की जा रही है। इससे पाकिस्तान में भयावह हालात पैदा हो रहे हैं। उन्होंने गीदड़भभकी में कहा कि पानी की आपूर्ति रोकना युद्ध का कार्य माना जाएगा।
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