
बांग्लादेश में जुटे उस्मान हादी के समर्थकों को समझाते सुरक्षा बल
ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ जुलाई 2024 में उग्र आंदोलन के नेता रहे उस्मान हादी को दफ़नाने के बाद उनके समर्थको ने यूनुस सरकार को बड़ी धमकी दी है। हादी के समर्थकों ने अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। हादी को ढाका में शनिवार को दफन कर दिया गया। इसमें लाखों समर्थकों की भीड़ जुटी थी। इसके बाद बांग्लादेश में दोबारा हिंसा भड़क गई। इस दौरान समर्थकों ने यूनुस सरकार को कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर हादी के सभी हत्यारों की गिरफ़्तारी नहीं हो जाती तो बड़ा आंदोलन होगा।
सुपुर्दे खाक हुआ हसीना का विद्रोही
बांग्लादेश में छात्र नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी को गत 12 दिसंबर को गोली मार दी गई थी। इसके बाद सिंगापुर में इलाज के दौरान 18 दिसंबर को हादी की मौत हो गई। इससे बांग्लादेश में फिर हिंसा भड़क उठी। हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। शनिवार को ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में हादी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां लाखों लोग जुटे। जनाजे में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी शामिल हुए और हादी को भावुक श्रद्धांजलि दी। लेकिन इसी जनाजे के दौरान इंकलाब मंच के नेताओं ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का सख्त अल्टीमेटम दे दिया। इंकलाब मंच से जुड़े हादी के करीबी सहयोगी अब्दुल्ल अल जबेर ने मंच से घोषणा की कि सरकार को अगले 24 घंटों में सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना होगा कि हादी की हत्या के जिम्मेदार कौन हैं, अब तक क्या जांच हुई है और गिरफ्तारियों के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
देश भर में बड़े प्रदर्शन की चेतावनी
जबेर ने कहा, “अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो हम बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। समर्थकों ने चेतावनी दी कि हत्यारों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया तो पूरे देश में प्रदर्शन और चक्का जाम होगा। हादी की नमाज-ए-जनाजा राष्ट्रीय संसद भवन के साउथ प्लाजा में अदा की गई। उनके बड़े भाई अबू बक्र सिद्दीकी ने जनाजा पढ़ाया। बाद में उन्हें ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के बगल में दफनाया गया। जनाजे में यूनुस ने हादी की तारीफ करते हुए कहा, “प्रिय उस्मान हादी, हम आपको अलविदा कहने नहीं आए हैं। आप हमारे दिलों में बसते हैं। जब तक बांग्लादेश रहेगा, आप इसका हिस्सा रहेंगे।” यूनुस ने हादी को विनम्रता और गरिमा का प्रतीक बताया और कहा कि उनकी सीख राजनीतिक संस्कृति को ऊंचा उठाएगी। उन्होंने हादी की पत्नी और इकलौते बच्चे की जिम्मेदारी सरकार उठाने की भी घोषणा की।
शेख हसीना के खिलाफ उग्र आंदोलन से बनी थी हादी की पहचान
32 साल के हादी की पहचान पिछले साल जुलाई में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन के लीडर के तौर पर थी। 12 दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मारी थी। सिंगापुर में हादी की मौत की खबर के बाद देशभर में हिंसा भड़की, मीडिया हाउसों पर हमले हुए और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। कुछ रिपोर्ट्स में दावा है कि हमलावर भाग गए, जिससे भारत-विरोधी नारे भी लगे।
पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने हादी को कट्टरपंथी बताया और आरोप लगाया कि यूनुस सरकार हिंसा भड़काकर चुनाव टालना चाहती है। यूनुस ने हिंसा की निंदा की और हत्यारों को सजा दिलाने का वादा किया। सरकार ने शनिवार को राजकीय शोक घोषित किया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अल्टीमेटम अगर नहीं माना गया तो बांग्लादेश में फरवरी 2026 के चुनाव से पहले नई अस्थिरता पैदा हो सकती है। इस अल्टीमेटम के बाद बांग्लादेश के हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहीं सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं।
