
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (बाएं) और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (दाएं)
मॉस्कोः रूस-यूक्रेन युद्ध पर शांति वार्ता शुरू होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमेरिका को बहुत बड़ी चुनौती दे दी है। पुतिन ने एक बयान में कहा है , “यदि रूस और यूरोपीय देश के प्रयासों को जोड़ दें हम अमेरिका से बड़े आर्थिक खिलाड़ी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि रूस और यूरोपीय देश अपने प्रयासों को मिलाएं तो उनकी संयुक्त जीडीपी अमेरिका से काफी अधिक हो जाएगी। उन्होंने यह बयान 19 दिसंबर 2025 को अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और ‘डायरेक्ट लाइन’ सेशन के दौरान दिया। पुतिन के इस बयान ने एक नया वर्ल्ड ऑर्डर बनाने का पांसा फेक दिया है। इससे अमेरिका में खलबली मचना तय है।
पुतिन ने और क्या-क्या कहा
पुतिन ने आगे कहा, “यदि रूस और यूरोपीय देश मिल जाएं तो हमारी संयुक्त जीडीपी अमेरिका से अधिक होगी। उन्होंने क्रय शक्ति समता (पर्चेजिंग पावर पैरिटी – PPP) के आधार पर यह तुलना की। पुतिन ने जोर देकर कहा कि क्षमताओं को मिलाकर और पूरक बनाकर हम समृद्ध हो सकते हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस और पश्चिमी देशों (खासकर यूरोपीय संघ) के बीच यूक्रेन युद्ध के कारण तनाव चरम पर है। पुतिन ने कहा कि रूस यूरोप, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ बराबरी की शर्तों पर काम करने को तैयार है और इस सहयोग से सभी को फायदा होगा।
क्या ईयू को अपने साथ जोड़ना चाहता है रूस
पुतिन के इस बयान ने एक तरह से नया वर्ल्ड ऑर्डर का रोडमैप दिखाकर सीधे अमेरिकी अस्तित्व की चुनौती दे दी है। अभी यूरोप पर अमेरिका की पकड़ है। अगर यूरोप और रूस एक हो गए तो जाहिर है कि अमेरिका अलग-थलग पड़ जाएगा और उसकी पावर कमजोर हो सकती है। पुतिन से इस दौरान जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या उनका संकेत यूरोपीय संघ में शामिल होने के लिए है. तो उन्होंने कहा कि कहीं भी रूस के EU में शामिल होने का प्रस्ताव नहीं दिया। वे केवल आर्थिक सहयोग और प्रयासों को जोड़ने की बात कर रहे हैं, जैसे व्यापार, ऊर्जा या अन्य क्षेत्रों में निकट सहयोग। यह एक काल्पनिक तुलना है कि यदि ऐसा होता तो संयुक्त आर्थिक शक्ति अमेरिका से बड़ी हो जाती।
क्या यूरोप रूस के प्रस्ताव पर कर सकता है अमल
विशेषज्ञ कहते हैं कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में रूस का EU में शामिल होना असंभव है, क्योंकि रूस ने खुद को यूरोपीय एकीकरण से अलग रखा है और यूक्रेन युद्ध के बाद प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।पुतिन ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में रूस की जीडीपी 9.7% बढ़ी है, जो यूरोपीय देशों से काफी अधिक है। उन्होंने EU द्वारा फ्रोजेन की गई रूसी संपत्तियों को यूक्रेन की मदद के लिए इस्तेमाल करने की कोशिशों को “डकैती” करार दिया। उनका यह बयान यूरोप को संदेश देने का प्रयास लगता है कि प्रतिबंधों और अलगाव के बजाय सहयोग से अधिक फायदा हो सकता है। यह बयान रूसी मीडिया और कुछ अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में प्रमुखता से आया है, लेकिन यह कोई नया प्रस्ताव नहीं है, बल्कि यूरोप के साथ बेहतर संबंधों की पुरानी रूसी लाइन का हिस्सा है।
