
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने फर्जी सरकारी नौकरी रैकेट का पर्दाफाश किया है। आईएफएसओ यूनिट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग में फर्जी नौकरी निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के लोग इंटरव्यू के नाम पर ठगी करने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने एक बड़े और सुनियोजित सरकारी भर्ती घोटाले का खुलासा करते हुए देशभर के बेरोजगार युवाओं को ठगने की साजिश को नाकाम कर दिया है। आरोपी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), संस्कृति मंत्रालय के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर नकली भर्ती प्रक्रिया चला रहे थे। उन्होंने एएसआई में 7 क्यूरेटर और 84 जूनियर असिस्टेंट पदों के नाम पर फर्जी वैकेंसी निकाली थी। ठगों ने हूबहू सरकारी वेबसाइट जैसी नकली साइट तैयार की थी। इसके बाद कॉलेज ग्रुप्स, सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर लिंक वायरल किए।
सैकड़ों लोगों ने किया आवेदन
सैकड़ों लोग इन ठगों के झांसे में आ गए थे। इन लोगों ने नौकरी पाने के लिए आवेदन भी किया था। इसके बाद जयपुर के नामी परीक्षा केंद्र में बाकायदा लिखित परीक्षा आयोजित की गई। आरोपियों की योजना थी कि लिखित परीक्षा पास करने वालों को इंटरव्यू के नाम पर बुलाकर भारी रिश्वत वसूली जाए, लेकिन इंटरव्यू से पहले ही पुलिस का एक्शन लिया। IFSO यूनिट दिल्ली पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए पूरे रैकेट को धराशायी कर दिया और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
राजस्थान का रहने वाला है मुख्य आरोपी
मुख्य आरोपी राजस्थान के जयपुर का रहने वाला है। उसका नाम कुलदीप है और वह 30 साल का है। उसके पास बी कॉम की डिग्री है। आरोपी एलएलबी की पढ़ाई भी कर रहा था, वह सेंकेड ईयर का छात्र था। वहीं,दूसरा आरोपी एक वेब डेवलपर है। उसकी उम्र 25 साल है और उसका नाम पियूष है। वह भी राजस्थान के जयपुर का रहने वाला है। उसके पास कम्प्यूटर साइंस में बी. टेक की डिग्री है। आरोपियों के पास से 2 मोबाइल फोन,1 लैपटॉप,1 डेस्कटॉप कंप्यूटर,1 आईपैड,1 टैबलेट और पासबुक्स बरामद की गई है।
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