2 दिल एक जान! पत्नी की अर्थी निकलने से ठीक पहले पति की भी मौत, एक ही चिता पर किया गया दोनों का अंतिम संस्कार


Munger- India TV Hindi
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पत्नी की अर्थी निकलने से ठीक पहले प्रोफेसर पति की भी मौत

मुंगेर: कहते हैं कि जब प्यार हद से गुजर जाता है तो शरीर भले ही 2 हों लेकिन दिल एक हो जाता है। इसका उदाहरण बिहार के मुंगेर में देखने को मिला। यहां पत्नी की अर्थी निकलने से पहले ही पति की भी मौत हो गई और फिर एक साथ पति-पत्नी की शव यात्रा निकली और एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार हुआ। इस घटना को देखकर हर कोई इमोशनल हो गया।

क्या है पूरा मामला?

मुंगेर जिले के लल्लू पोखर मोहल्ले से मंगलवार को एक बेहद हृदयविदारक और भावुक कर देने वाली घटना सामने आई। इस घटना ने सभी की आंखें नम कर दीं। यहां पत्नी की अर्थी निकलने से ठीक पहले पति ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। इसके बाद पति-पत्नी की एक साथ शवयात्रा निकली और दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया। 

मिली जानकारी के अनुसार, लल्लू पोखर निवासी मुंगेर व्यवहार न्यायालय के विद्वान अधिवक्ता एवं विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर रहे विश्वनाथ सिंह की 82 वर्षीय पत्नी अहिल्या देवी का निधन सोमवार की दोपहर हो गया था। पत्नी के निधन के बाद पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ था। मंगलवार को जब अहिल्या देवी की शवयात्रा निकालने की तैयारी की जा रही थी कि तभी अचानक 87 वर्षीय विश्वनाथ सिंह की तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने भी अपना दम तोड़ दिया। 

मां के निधन के अगले ही दिन पिता की मौत की खबर से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं जैसे ही विश्वनाथ सिंह के निधन की सूचना फैली आसपास के लोग और मुंगेर न्यायालय के कई वरिष्ठ अधिवक्ता उनके घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।

जानें मृतकों के बारे में

विश्वनाथ सिंह एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता होने के साथ-साथ विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज, मुंगेर में प्रोफेसर भी रह चुके थे। उन्होंने कानून के क्षेत्र में कई छात्रों को शिक्षा दी, जिनमें से आज अनेक अधिवक्ता मुंगेर न्यायालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी शादी वर्ष 1961 में भागलपुर जिले के शाहपुर निवासी अहिल्या देवी से हुई थी। दंपती के तीन पुत्र और दो पुत्रियां हैं, जिनकी शादियां हो चुकी हैं। 

बड़े पुत्र शैलेश कुमार शिक्षक हैं, दूसरे पुत्र विभेष कुमार अधिवक्ता हैं। जबकि तीसरे पुत्र राकेश कुमार बैंक से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। पुत्र शैलेश कुमार ने बताया कि सोमवार को मां का निधन हो गया था और मंगलवार को उनकी शवयात्रा निकलनी थी, लेकिन उससे पहले ही पिता ने भी दम तोड़ दिया। ऐसे में दोनों की एक साथ शवयात्रा निकाली गई और एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। पति-पत्नी की एक साथ शवयात्रा और अंतिम संस्कार को देख मोहल्ले सहित पूरे इलाके में शोक का माहौल रहा। इस दृश्य को देखकर हर कोई भावुक हो उठा और नम आंखों से दोनों को अंतिम विदाई दी। (इनपुट: मोहम्मद इम्तियाज खान)





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